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डाउनलोड करेंगोलबाजार में मालिकाना हक के लिए रायपुर कलेक्टर की बनाई संयुक्त समिति ने नापजोख और मूल्यांकन के बाद दावा-आपत्ति के लिए प्रकाशन कर दिया है, लेकिन पिछले पंद्रह दिन में महज 17 फीसदी कारोबारियों ने दावा-आपत्ति दर्ज की है। संयुक्त टीम की रिपोर्ट के मुताबिक यहां निगम के किराएदार 579 कारोबारी हैं। इसके मुकाबले आपत्तियां बेहद कम आई हैं।
इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि ज्यादातर कारोबारियों को शासकीय प्रक्रिया से संबंधित कोई दिक्कत नहीं हैं। नापजोख में भी त्रुटि की संभावना कम है। इसके बावजूद कारोबारियों को 10 दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया है। वे अब 25 जनवरी तक दावा-आपत्तियां पेश कर सकते हैं। गोलबाजार के कारोबारियों को मालिकाना हक देने की निगम महत्वपूर्ण योजना को लेकर कवायद एक बार फिर तेज हो गई है। राज्य शासन से एक रुपए टोकन पर करीब चार एकड़ जमीन हासिल करने के बाद निगम ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
शासन ने भी इस मामले में सभी तरह के विवाद के लिए कलेक्टर रायपुर को नोडल अधिकारी बना दिया है। किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में कलेक्टर को उसके निपटारे के लिए फ्रीहैंड कर दिया गया है। कलेक्टर के आदेश पर गठित टीम ने ही गोलबाजार का सर्वे और मूल्यांकन करने के बाद रिपोर्ट तैयार की है। इसके अनुसार काबिज व्यापारियों की सूची और उनके काबिज क्षेत्रफल की जानकारी सहित दावा-आपत्ति के लिए प्रकाशन किया गया है। जनवरी के पहले पखवाड़े तक आपत्तियां मंगवाई गई थी। 15 जनवरी के अंतिम तारीख से पहले ही दावा-आपत्ति का समय बढ़ाकर 25 तारीख कर दिया गया है।
^ सभी दावा-आपत्तियों का निराकरण नियमत
और शासन की गाइडलाइन के मुताबिक ही किया जाएगा। किसी भी व्यापारी को दिक्कत नहीं आएगी। सारी प्रक्रिया उनकी जानकारी में होगी और उन्हें संतुष्ट करने के बाद ही आगे बढ़ायी जाएगी। हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा आपत्तियां आएं, ताकि हर चीज स्पष्ट होती जाए और व्यापारियों को भी कोई शंका न रहे।
एजाज ढेबर, महापौर रायपुर
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