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डाउनलोड करेंछत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी के दौरान संभावित अव्यवस्था से कांग्रेस डरी हुई है। किसानाें की संभावित नाराजगी से बचने के लिए पार्टी ने अपने स्तर पर तैयारियां तेज की है। प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने धान खरीदी केंद्रों पर किसानों की मदद के लिए जिला और ब्लॉक और केंद्रवार समिति बनाने का निर्देश दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने बताया, धान खरीदी में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और सीमावर्ती राज्यों से धान की अवैध आवक न हो इसकी सतत निगरानी के लिए समिति बनाने का निर्देश दिया गया है। यह समिति किसान भाईयों के धान की बिक्री में होने वाली विभिन्न समस्याओं के समाधान और सहयोग करेगी। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है। फोन नं. 0771-2236793, 2236794 तथा 2236795 में खरीदी केन्द्र में भ्रष्टाचार, धाधंली तथा किसान भाईयों को धान बेचने में प्रशासनिक समस्या आने पर सूचना दी जा सकती है।
समितियों में इनको किया जाएगा शामिल
बताया गया, जिला, ब्लाक स्तरीय निगरानी समिति में कांग्रेसियों, किसानों, स्थानीय पंच, सरपंचों, पंचायत प्रतिनिधियों, किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों को शामिल किया जाना है। शर्त यह है, ऐसे लोग जिला एवं ब्लॉक के किसानों से संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु सतत् सक्रिय रहने वाले हों। इनको समितियों में शामिल कर किसानों का सहयोग शुरू किया जाए।
शुरुआत में ही बारदाने का संकट
छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी एक दिसम्बर से शुरू हो रही है। सरकार 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदे जाने की उम्मीद कर रही है। इसके लिए 5 लाख गठान से अधिक जूट बारदानों की जरूरत होगी। अभी तक सरकार को एक लाख गठान बारदाना भी नहीं मिल पाया है। खरीदी से जुड़े अधिकारी कहते हैं, खरीदी के तेजी पकड़ने पर 10 हजार गठान बारदानों की जरूरत रोज पड़ती है। ऐसे में किसानों से ही बारदाना मांगा जा रहा है। उसके लिए सरकार प्रति बोरा की दर से मूल्य भी निर्धारित कर दिया है। आशंका है कि ऐसी स्थिति में विवाद हो सकता है।
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