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डाउनलोड करेंकोरोना विस्फोट से परिवहन सिस्टम को तगड़ा झटका लगा है। रायपुर एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली 10 फ्लाइट रोज कैंसिल की जा रही है, क्योंकि एकाएक 2000 यात्री कम हो गए हैं। जिस फ्लाइट को कैंसिल किया जा रहा है, उसके यात्रियों को उसी रुट के दूसरे विमान में एडजस्ट किया जा रहा है। इसके लिए यात्रियों को विकल्प दिया जा रहा है। दूसरे विमान में सफर न करने वाले यात्रियों को टिकट के पूरे पैसे लौटाए जा रहे हैं।
बसों में आधे से भी कम यात्री सफर कर रहे हैं। कई रुट में तो इक्का-दुक्का यात्री ही आ जा रहे हैं। ट्रेन में सफर करने वालों की भी यही स्थिति है। रोज एक से सवा लाख के रेल टिकट रोज कैंसिल करवाए जा रहे हैं। पिछले 11 दिन में ही 15 लाख से ज्यादा के टिकट रद्द कराए जा चुके हैं। रायपुर एयरपोर्ट से हर दिन औसतन 4200 से ज्यादा यात्री अप-डाउन करते थे, लेकिन अब इनकी संख्या 2000 से भी कम हो गई है। यात्रियों की कमी की वजह से रायपुर से औसतन हर दिन 10 फ्लाइट कैंसिल की जा रही है। सिटी बसें पहले से ही बंद हैं अब लंबी दूरी की बसों में यात्रियों की संख्या घटकर आधे से भी कम हो गई है। भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, बिलासपुर जैसे अति व्यस्त रुट पर भी यात्रियों की संख्या आधे से कम हो गई है। इन रुटों पर लोग निजी वाहनों से आना जाना कर रहे हैं। केवल बस्तर जाने वाली बसें ही लगभग 50 फीसदी सीटें भर रही हैं। रेलवे से सफर करने वाले लोगों ने टिकटों को कैंसिल करवाना शुरू कर दिया है।
हर शहर के लिए फ्लाइट हो रही कैंसिल
कोरोना रफ्तार का सबसे ज्यादा असर हवाई उड़ानों पर हो रहा है। हर दिन लगभग हर शहर के लिए कोई न कोई फ्लाइट कैंसिल की जा रही है। यात्रियों की संख्या कम होने के कारण विमानों के परिचालान से जबरदस्त घाटा हो रहा है। इस वजह से सीधे फ्लाइट कैंसिल की जा रही है। एडवांस बुकिंग 30 से 40 प्रतिशत तक कम हो गई है। फिलहाल दिल्ली और मुंबई रूट की फ्लाइट में ही यात्रियों की संख्या अन्य शहरों की तुलना में ज्यादा है। इसके अलावा बंगलुरू, हैदराबाद, लखनऊ, प्रयागराज समेत कई शहरों की फ्लाइटों में यात्री बहुत कम हो गए हैं। इस वजह से इन शहरों की उड़ानें ज्यादा रद्द की जा रही हैं। पिछले 5 दिन में करीब 46 फ्लाइट कैंसिल हो चुकी हैं।
बाहर जाने बसों में बुकिंग ही नहीं
लंबी दूरी की बसें जैसे नागपुर, हैदराबाद, कानपुर समेत कई शहरों में यात्रियों की संख्या कम होने से इस रूट पर कई बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। अंबिकापुर, सरगुजा, सुकमा, कोंटा, बनारस, सागर, जबलपुर और इंदौर जाने वाली बसों में एडवांस बुकिंग लगभग बंद हो गई है। सिटी बसें पहले ही महीनों से बंद है। छोटी दूरी यानी 80 से 120 किमी वाली बसों में ही अभी यात्री सफर कर रहे हैं। इसमें भी दिसंबर की तुलना में यात्री आधे से कम है। बस संचालकों का कहना है कि एक बार फिर उनके पास परमिट, फिटनेस, टैक्स और बैंकों की किश्त अदा करने की दिक्कत शुरू हो गई है।
16 ट्रेनें रद्द, चार का रुट भी बदला
कोरोना संक्रमण की वजह से दिल्ली, मंुबई, कोलकाता, हैदराबाद, जयपुर, विशाखापट्नम समेत कई शहरों की ट्रेनें खाली-खाली जा रही हैं। यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से कुछ ट्रेनें भी रद्द की गई हैं। टिकट कैंसिल करवाने का सिलसिला अभी भी जारी है। इस बीच बिलासपुर मंडल के अंतर्गत खरसिया-राबर्टसन सेक्शन में चौथी लाइन कनेक्टिविटी का काम शुरू होने की वजह से 16 से 24 जनवरी तक 16 ट्रेनें रद्द की गई हैं। अभी 24 जनवरी तक गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू पैसेंजर स्पेशल, गुरुवार और 22 जनवरी को सांतरागाछी-पुणे एक्सप्रेस रद्द रहेगी।
16 से 25 जनवरी तक झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू पैसेंजर स्पेशल रद्द रहेगी। इसके अलावा कुछ ट्रेनों के रुट चेंज किए गए हैं। 18, 21 व 22 जनवरी को विशाखापट्टनम-अमृतसर हीराकुंड एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग संबलपुर-टिटलागढ़-लखोली-रायपुर-बिलासपुर के रास्ते चलेगी। 19, 22 व 23 जनवरी को अमृतसर-विशाखापट्टनम हीराकुंड एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग बिलासपुर-रायपुर-लखोली-टिटलागढ़ संबलपुर के रास्ते चलेगी। 15 से 23 जनवरी तक सीएसएमटी-हावड़ा गीतांजली एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग रायपुर-लखोली-टिटलागढ़ संबलपुर-झारसुगुड़ा से होकर जाएगी। 16 से 24 जनवरी तक हावड़ा-सीएसएमटी गीतांजलि एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग झारसुगुड़ा-संबलपुर-टिटलागढ़-लखोली-रायपुर के रास्ते चलेगी। 15 से 21 जनवरी तक पुरी-योगनगरी ऋषिकेश एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से रवाना होगी।
रायपुर से हर दिन लगभग आधी फ्लाइट कैंसिल हो रही है। यात्रियों की कमी से तीन-चार विमान में ही यात्रियों को एडजस्ट कर दिया जाता है। अभी केवल दिल्ली-मुंबई फ्लाइटों को ही यात्री मिल पा रहे हैं। बाकी शहरों की उड़ान कैंसिल हो रही है।
-कीर्ति व्यास, संरक्षक एमपी-सीजी ट्रैवल्स एसोसिएशन
सिटी बसें पहले से ही बंद है। बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या बेहद कम हो गई है। बसों में यात्रियों की संख्या करीब 50 फीसदी कम हो गई है। लंबी दूरी की बसों को यात्री सबसे कम मिल रहे हैं। लोग अभी बाहर जाने से बच रहे हैं।
-सैय्यद अनवर अली, अध्यक्ष छग यातायात महासंघ
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