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डाउनलोड करेंछत्तीसगढ़ राज्य गठन को 21 साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन, आज भी बस्तर के कई गांव ऐसे हैं जो प्रशासन और विकास से कोसो दूर हैं। इसकी बड़ी वजह नक्सलियों का रोड़ा रहा है। इनमें से एक धुर नक्सल प्रभावित नहाड़ी गांव भी है। जो दंतेवाड़ा और सुकमा जिले की सीमा पर स्थित है। यह दंतेवाड़ा का अंतिम गांव है। राज्य गठन के 21 साल बाद पहली बार जिला प्रशासन ने इस गांव में दस्तक दी है। कलेक्टर और SP ने गांव में जन चौपाल लगाई और ग्रामीणों की समस्या सुनी। साथ ही पहली बार इस नहाड़ी गांव में करोड़ों रूपए के विकास कार्य भी होंगे। इसके लिए भूमिपूजन भी किया गया है।
कलेक्टर दीपक सोनी और SP सिद्धार्थ तिवारी पहली बार नहाड़ी गांव पहुंचे। इस गांव तक पहुंचना भी अफसरों के लिए आसान नहीं था। बरसते पानी में कहीं कच्ची पगडंडियों से पैदल तो कहीं बाइक से रास्तों को पार करना। जुनून हर हाल में गांव और ग्रामीणों के बीच पहुंच उनकी समस्याएं जानना रहा। सभी चुनौतियों को दरकिनार कर कलेक्टर और SP गांव पहुंचकर देसी अंदाज में नजर आए। पेड़ के नीचे खाट बिछा, ग्रामीणों के बीच बैठ गए और हर एक ग्रामीण से बात कर उनकी समस्याएं जानी और गांव के विकास की योजना बनाई। पहली बार अफसरों को अपने बीच पाकर ग्रामीण भी बेहद खुश हुए।
नक्सलियों की उप राजधानी के नाम से चर्चित है इलाका
दरअसल, नहाड़ी गांव नक्सलियों की उप राजधानी के नाम से इलाके में चर्चित है। यह 15 लाख रुपए के खूंखार इनामी नक्सली विनोद हेमला का गृहगांव है। कुछ माह पहले ही विनोद की गंभीर बीमारी के चलते मौत हुई है। दो जिलों की सीमा पर स्थित इस गांव में कुछ समय पहले तक नक्सलियों का कब्जा था। इस गांव तक पहुंचने जितनी भी कच्ची या पगडंडी सड़कें थी उसे नक्सलियों ने काट दिया था। स्कूल, आश्रम सब तोड़ दिए थे। हालांकि कुछ दिन पूर्व ही नक्सलियों के इस गांव में पुलिस कैंप खोलने की नींव भी रखी है।
देवगुड़ी के लिए किया भूमिपूजन
नहाड़ी पहुंचे कलेक्टर दीपक सोनी ने ग्रामीणों को कई सौगातें दी। इन अफसरों ने ग्रामीणों के साथ देवगुड़ी और प्राथमिक शाला भवन बनाने का भूमिपूजन किया। कलेक्टर दीपक सोनी ने ग्रामीणों से कहा कि देवगुड़ी के साथ अब गांव में विकास की शुरुआत हो गई है। कलेक्टर ने कहा कि इस गांव में राशन दुकान बनाई जा रही है। अब ग्रामीणों को राशन लेने 10 किमी दूर अरनपुर नहीं जाना पड़ेगा। ग्रामीण सुनील हेमला को रोजगार सहायक के पद पर कार्य करने को कहा गया। ग्रामीण कुमार किरण को समूह बनाकर कार्य करने के लिए अनुदान राशि देने की बात कही।
ग्रामीणों को इसकी जानकारी व सौगात दी
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