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डाउनलोड करेंछत्तीसगढ़ वनोपज प्रबंधक संघ ने CM और वन मंत्री के आश्वासन पर वनोपज खरीद के बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया है। इसकी जानकारी संघ के पदाधिकारियों ने शनिवार को दी है। अपनी मांगों को लेकर एक जनवरी से संघ ने वनोपज खरीदी के बहिष्कार का निर्णय लिया था। संघ के सदस्यों ने बताया कि लघु वनोपज के संग्रहण में छत्तीसगढ़ पूरे देश मे नंबर एक है।
जिसका सबसे बड़ा कारण लघु वनोपज संघ के 901 प्रबंधकों की मेहनत है। लघु वनोपज के संग्रहण में प्रदेश सरकार को साल 2020-21 में कुल 13 राष्ट्रीय अवार्ड भी मिले। फिर भी सरकार और अधिकारियों ने पिछले 34 सालों से प्रबंधकों का सिर्फ शोषण ही किया है। साथ ही छला जा रहा है। जन घोषणा पत्र में प्रबंधकों के नियमितीकरण का वादा किया वो अब तक सिर्फ चुनावी जुमला ही निकला।
प्रबंधकों के वेतन में 6 सालों से एक भी रुपए की वृद्धि नहीं हुई है। 5 साल पहले सेवा नियम बनाया गया, पर आज तक लागू नहीं हुआ है। वेतन बढ़ाने राज्य संचालक मंडल ने प्रस्ताव बनाया उसे तक लागू नहीं किया गया। प्रबंधकों ने वनोपज खरीदी के बहिष्कार से 14 दिनों में किसी भी समिति ने एक किलो भी वनोपज का संग्रहण नहीं किया गया।
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