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डाउनलोड करेंजिले में कड़ाके की ठंड में मरीजों का ब्लडप्रे’शर अनियंत्रित हो रहा है। मरीज सीने में भारीपन और एंजाइना की शिकायत लेकर कॉर्डियोलॉजी की इमरजेंसी में आ रहे हैं। रविवार को ही दो मरीजों की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई। ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने से हृदयरोग की समस्या बढ़ने के साथ गुर्दा रोगियों की हालत बिगड़ रही है।
गंभीर हालत में जिला अस्पताल पहुंच रहे मरीज या तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही मर रहे हैं या फिर रायपुर रेफर हो रहे हैं। जिला अस्पताल प्रभारी डॉ. राजेश अवस्थी के अनुसार पिछले 15 दिनों में ही हार्ट के 9 मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
जिले की करीब 15 लाख आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में नवनिर्मित विशाल भवन में जिला चिकित्सालय शिफ्ट किया गया था मगर गंभीर मरीजों का इलाज जिले में हो ऐसी कोई यहां सुविधा नहीं है। 100 प्रतिशत गंभीर मरीज रायपुर रेफर हो रहे हैं।
लिफ्ट भी नहीं है, मरीजों को होती है परेशानी
अस्पताल अत्याधुनिक पैथोलॉजी, डिजिटल एक्स-रे, सोनाग्राफी, फिजियोथैरेपी एवं 2 आॅक्सीजन प्लांट से लैैस है। अत्याधुनिक मशीनों व उपकरणों से लैस होने के बावजूद डाॅक्टरों एवं कर्मचारियों की कमी के चलते मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है। अस्पताल में डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पद 18 है, जिसके सापेक्ष यहां मात्र 11 डाक्टरों की तैनाती है। उनमें से भी आधे डॉक्टरों की संविदा नियुक्ति है। यहां स्थायी रूप से निश्चेतना विशेषज्ञ एवं एक कार्डियोलाॅजिस्ट सहित हड्डी रोग संबंधी ऑपरेशन के लिए सीआर्म मशीन की सख्त जरूरत है। जिला अस्पताल बहुमंजिला होने की वजह से यहां गंभीर मरीजों को उपर के वार्डों में भर्ती करने के लिए लिफ्ट की जरूरत है मगर यहां वह भी नहीं है।
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