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डाउनलोड करेंरेलवे बोर्ड द्वार शुरू की गई दुर्ग विशाखापट्टनम एक्सप्रेस रविवार 14 अगस्त को पावर हाउस स्टेशन पहुंची। यहां पर आंध्र उत्कल संघर्ष समिति के पदाधिकारियों और समाज ने तिरंगा झंडा दिखाकर स्वागत किया गया। लोको पायलट को फूलों की माला पहनाई गई। आंध्र उत्कल समाज के लोग ढोल ताशा लेकर पहुंचे थे। इंजन में चढ़कर पूजा अर्चना की गई। इसके बाद ट्रेन को आगे रवाना किया गया। समाज के लोगों ने नई एक्सप्रेस शुरू होने की जहां खुशी जताई तो वहीं उनसे पैसेंजर ट्रेन छिन जाने का क्षोभ भी जाताया।
आंध्र उत्कल संघर्ष समिति के अध्यक्ष और दपूम रेलवे सलाहकार समिति के पूर्व सदस्य के उमाशंकर राव का कहना है कि भिलाई संयंत्र कारखाना शुरू होने के समय से दुर्ग विशाखापट्टनम पैसेंजर चलती आ रही है। इस ट्रेन को बीच में रद्द कर दिया गया था। इसे शुरू करने के लिए उन लोगों ने महा धरना दिया था। इसके बाद फिर से यह पैसेंजर शुरू की गई। फिर कोविड आ गया तो सभी ट्रेनों को बंद कर दिया गया। इसके बाद इस ट्रेन को एक्सप्रेस ट्रेन के रूप में नई ट्रेन बताकर दिया गया है। पुरानी पैसेंजर की जगह उसे एक्सप्रेस बनाकर शुरू किया गया है। पैसेंजर बंद करके गरीबों के साथ गलत किया गया है। वह गरीब वर्ग के लिए अधिक फायदेमंद थी।
दुर्ग पलासा एक्सप्रेस का रूट चेंज करने की है मांग
दुर्ग से पलासा बरहमपुर तक एक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई है। उसका रूट चेंज करने की मांग समिति द्वारा की जा रही है। इसके लिए सांसद विजय बघेल ने दो बार लोकसभा में मांग रखी थी। इसके लिए उन्होंने रेल मंत्री से भी बात की है। जल्द ही इस ट्रेन का रूट चेंज करके शुरू किए जाने की बात कही गई है।
आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए बड़ी राहत
दुर्ग-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस शुरू होने से आंध्र प्रदेश से छत्तीसगढ़ आने वाले और छत्तीसगढ़ से आंध्र प्रदेश जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली है। इससे लोगों को आने जाने आसानी होगी। इस रूट पर काफी लोग यात्रा करते हैं। ट्रेन शुरू होने से लगभग 25 प्रतिशत आंध्रावासी लाभान्वित होंगे।
रोजाना चलेगी अपने समय पर
पैसेंजर की जगह शुरू की गई नई दुर्ग-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस 14 अगस्त से दुर्ग-विशाखापट्टनम और 15 को विशाखापट्टनम से दुर्ग के लिए रोजाना अपने निर्धारित समय पर चलेगी। दुर्ग-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस के समय की बात करें तो यह ट्रेन 14 अगस्त से दुर्ग से शाम 6:30 से रवाना होगी और अगले दिन 10:50 पर विशाखापट्टनम पहुंचेगी। वहीं विशाखापट्टनम से शाम 4:55 पर रवाना होगी और दूसरे दिन 5:40 पर दुर्ग पहुंचेगी। इस एक्सप्रेस में दो एसएलआर कोच, दो सामान्य कोच, पांच स्लीपर कोच और दो एसी थ्री श्रेणी के कोच लगाए जाएंगे। इस तरह एक्सप्रेस में कुल 11 कोच होंगे।
बिना साफ सफाई व धुले रवाना कर दी गई ट्रेन
समाज के लोगों का कहना है कि दुर्ग विशाखापट्टनम एक्सप्रेस पहले दिन दुर्ग से रवाना हुई है। ऐसे में इसकी बोगियों को क्लीन व धुलाई करके फूलों से सजाकर रवाना करना था। ऐसा नहीं किया गया। रेलवे प्रबंधन ने बिना धुले गंदी व पुरानी बोगियों को लगाकर नई ट्रेन के रूप में रवाना कर दिया है।
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