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डाउनलोड करेंहोटल और रेस्त्रां में खाने के शौकीन लोगों को अब यह पता रहेगा कि उन्होंने जो डिश ऑर्डर की है, उसकी न्यूट्रीशन वैल्यू क्या है। दरअसल, जल्द ही शहर के होटल-रेस्टोरेंट के मैन्यू कार्ड में व्यंजनों के आगे उसकी न्यूट्रीशन वैल्यू का भी उल्लेख रहेगा।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एफएसएसएआई) ने इसके लिए प्रावधान कर दिया है। 30 जून तक जिले के 150 से ज्यादा होटल व रेस्त्रां को इसे लागू करना होगा। एफएसएसएआई के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रावधान के तहत होटल और रेस्टोरेंट के मैन्यू में दिए व्यंजन के आगे उसमें उपस्थित तत्वों की जानकारी भी दी जाएगी। इसका सबसे ज्यादा लाभ ऐसे लोगों को होगा, जो डायबिटीज और बीपी की बीमारी से ग्रसित हैं।
कई बार डाइबिटीज से ग्रसित लोग ऐसे व्यंजनों का आर्डर कर देते हैं, जिसमें शुगर को शामिल किया गया है, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती। कई डिश में नमक-मसाले ज्यादा होते हैं, लेकिन बीपी की शिकायत वाले लोग बिना जानकारी के आर्डर कर देते हैं। इसके चलते उन्हें स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का भी सामान करना पड़ सकता है। लेकिन इस व्यवस्था के लागू होने के बाद लोगों को पहले से ही इसकी जानकारी होगी।
यह भी बताना होगा किस डिश काे बनाने में कौन सा तेल इस्तेमाल किया गया
होटल-रेस्टोरेंट वालों को व्यंजन बनाने में इस्तेमाल तेल या रिफाइंड की जानकारी देनी होगी। ऐसे में मैन्यू देखकर जो भोजन ऑर्डर किया जाएगा, उसमें कैलोरी, कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन, फैट, एंटी ऑक्सीडेंट की जानकारी भी रहेगी।
फिलहाल केवल व्यंजन और उसका रेट ही कार्ड में दर्ज होता है
फिलहाल होटल-रेस्टोरेंट के मैन्यू चार्ट में केवल डिश के प्रकार और उसके रेट की ही जानकारी दी जाती है। इसके चलते ग्राहकों को खाने के बाद उस व्यंजन में मिले मसालों की जानकारी हो पाती है। ऐसे में उन्हें उसका भी पैसा देना पड़ता है, जो उन्हें अच्छा नहीं लगा।
सभी प्रकार के होटल और रेस्त्रां में लागू होगी यह नई व्यवस्था
प्रावधान के मुताबिक, नई व्यवस्था सभी श्रेणी के होटल और रेस्टोरेंट में लागू होगी। इसमें एक स्टार से लेकर सेवन स्टार श्रेणी तक होटल शामिल हैं। इसी तरह सभी प्रकार के रेस्टोरेंट जिन्होंने एफएसएसएआई से लाइसेंस ले रखा है। सभी होटल-रेस्टोरेंट को व्यवस्था लागू करने 30 जून तक का समय दिया है।
सेहत के हिसाब से ले सकेंगे खाना
होटलों में लोग फूड ऑर्डर करते समय यह पता नहीं होता कि उसमें क्या न्यूट्रीशन वैल्यू है। कई बार नमकीन में भी शुगर का उपयोग होता है। नए आदेश के बाद 30 जून तक होटलों को इसे लागू करना है। इसके बाद जिले के सभी होटल और रेस्टोरेंट में जांच शुरू की जाएगी।
-नारद कोमरे, फूड सिक्युरिटी ऑफिसर, दुर्ग
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