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डाउनलोड करेंगुरुवार को सुबह 10.14 से 10.31 बजे तक शहर से लगे पाररास व पड़कीभाट-पाररास पर स्थित बघमरा रेलवे फाटक (क्राॅसिंग) बंद रहा। इससे लोग परेशान रहे। दरअसल इसी टाइमिंग में काम पर जाने लोग व स्कूल, कॉलेज जाने के लिए छात्र-छात्राएं फाटक से गुजरकर बालोद पहुंचते हैं। लेकिन रोजाना फाटक बंद होने की वजह से लंबा इंतजार करना पड़ता है।
रेलवे विभाग जब मालगाड़ी या यात्री ट्रेन बालोद रेलवे स्टेशन से 10-12 किमी दूर रहती है, तभी गेट बंद करने के निर्देश गेटकीपर को दे देते हैं। वहीं ट्रेन गुजरने के एक मिनट बाद गेट खोलते हैं। इस दौरान लोग फंसे रहते हैं। पिछले माह लाटाबोड़ में गेटकीपर व लोगों के बीच विवाद की स्थिति बनी थी। ऐसा रोजाना होता है।
समस्या के स्थाई समाधान के लिए पाररास में ओवरब्रिज बनाने की प्लानिंग बनी हुई है। सेतु विभाग सर्वे भी कर चुका है। लेकिन अब तक धरातल पर काम शुरू नहीं हो पाया है। वहीं जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर बघमरा रेलवे फाटक में अंडरब्रिज बनाने का प्लान रेलवे ने बनाया था लेकिन यहां पानी सीपेज हो रहा है। अगर बना भी देंगे तो अनुपयोगी साबित होगा। ऐसे में ओवरब्रिज बनाना ही उपयुक्त होगा। ऐसा रिपोर्ट सर्वे के आधार पर तैयार कर सेतु विभाग ने रेलवे विभाग को सौंप चुका है।
यातायात का दबाव बढ़ रहा इसलिए ओवरब्रिज की मांग
बायपास बनने की वजह से पिछले 3 साल से बघमरा रेलवे फाटक में यातायात का दबाव बढ़ने से क्षेत्रवासी ओवरब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं। रेलवे यहां अंडरब्रिज बनाने का प्लान बना रहे थे। जिसका कोई औचित्य नहीं है। पाररास के बगल बूढ़ापारा क्षेत्र में अंडरब्रिज बना है, उसमें पानी भरा हुआ है। पाररास रेलवे फाटक के बगल में नाली है, जहां शहर के कई वार्डो का गंदा पानी आता है। रेलवे व सेतु विभाग के अफसर मंथन कर रहे है।
अभी क्या बनेगा, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है। रोजाना सुबह 10 से 10.30 बजे के बीच फाटक बंद होने से लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। ट्रक, मेटाडोर व अन्य भारी वाहनों की आवाजाही से जाम की स्थिति भी बन रही है। लोगों की मांग को देखते हुए ओवरब्रिज बनाने की मांग रखी गई है, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। रेलवे के अफसर इस संबंध में कुछ कहना नहीं चाह रहे हैं।
इसलिए अंडरब्रिज के बजाय ओवरब्रिज की मांग हो रही
बायपास बनने से रोजाना सैकड़ों गाड़ियां गुजर रही है। इसलिए अंडरब्रिज के बजाय ओवरब्रिज बनाना उचित होगा। बालोद शहर में यातायात का दबाव न बढे। इसलिए पड़कीभाट से पाररास तक बायपास मार्ग का निर्माण किया गया है। जहां रोजाना सैकड़ों बड़ी मालवाहक गाड़ियां गुजरते हैं। ऐसे में पाररास की तर्ज पर निचले स्तर पर अंडरब्रिज बनने से गाड़ियां गुजरने के दौरान जाम की स्थिति ही बनेगी। साथ ही कई बड़ी गाड़ियां क्रास नहीं हो पाएगी। सेतु विभाग का भी तर्क है कि अंडरब्रिज बनाने से पानी भरेगा।
लिहाजा लोगों के अलावा जनप्रतिनिधि भी कह रहे हैं कि यहां ओवरब्रिज बने ताकि सभी गाड़ियां आसानी से गुजर सकें। लोगों की मांगों को ध्यान में रखते हुए जनप्रतिनिधियों ने भी रेलवे विभाग से ओवरब्रिज बनाने की मांग की है लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया है। न ही अंडरब्रिज बनाने को लेकर सहमति मिल पाई है, सिर्फ प्लानिंग बनी है। जो कागजों तक ही सीमित है।
15 मिनट तक गेट खुलने का इंतजार करते हैं लोग
रोजाना जब भी गेट बंद हाेता है, लोगों को 10 से 15 मिनट तक खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। कई बार सिग्नल नहीं मिलने की वजह से पटरी पर ही मालगाड़ी ट्रेन के पहिए थम जाते है। ट्रेन गुजरने के 5-10 मिनट पहले ही गेट को बंद कर दिया जाता है। ट्रेन या मालगाड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचती है तब गेट खोलते हैं। इस दौरान लोग परेशान होते रहते हैं। लोग यहां अंडरब्रिज के बजाय ओवरब्रिज बनाने की मांग कर रहे हैं।
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