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डाउनलोड करेंपंजाब विस चुनाव 2022 से पहले करतारपुर कॉरिडोर को लेकर प्रदेश के भाजपा नेता पूरी तरह सक्रिय हो गए हैं। सोमवार को प्रदेश BJP नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर 19 नवंबर को गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व तक करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग की। इससे पहले रविवार को उन्होंने इसी मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।
इसके बाद उनकी गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात होगी। भारत-पाक के बीच बना करतारपुर कॉरिडोर पिछले साल मार्च महीने से बंद है। इसे कोरोना के केस बढ़ने के बाद बंद कर दिया गया था। इस कॉरिडोर के जरिए सिख श्रद्धालुओं को श्री करतारपुर साहिब के खुले दर्शन होते हैं।
करतारपुर कॉरिडोर के सियासी मायने
करतारपुर कॉरिडोर सिख श्रद्धालुओं के लिहाज से अहम है, लेकिन नेताओं के लिए इसके सियासी मायने भी हैं। यही वजह है कि पहले सीएम चरणजीत चन्नी ने दिल्ली में PM नरेंद्र मोदी के आगे यह मांग उठाई। उसके बाद पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू कुछ दिन पहले कॉरिडोर देखने डेरा बाबा नानक पहुंच गए।
इसके बाद अकाली दल से लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी यह मुद्दा उठाया। भाजपा भी इसलिए सक्रिय हुई, ताकि अगले चुनाव में इसका क्रेडिट भाजपा को ही मिले।
चर्चा में आए थे सिद्धू, पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
करतारपुर कॉरिडोर के मामले में नवजोत सिद्धू खूब चर्चा में आए थे। वह पाक पीएम इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गए तो वहां पाक आर्मी चीफ कमर बाजवा से गले मिले। इससे भारतीय राजनीति में खलबली मच गई थी। हालांकि सिद्धू ने कहा कि उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने के लिए हामी भरने पर ऐसा किया।
इसके बाद कॉरिडोर खुला और उसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी और तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया। सिद्धू उस वक्त पाकिस्तान में हुए उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने गए थे।
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