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डाउनलोड करेंचंडीगढ़ के बहुचर्चित एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह सिद्धू उर्फ सिप्पी सिद्धू मर्डर केस की मुख्य आरोपी कल्याणी सिंह ने चंडीगढ़ CBI पर उसे टार्चर करने का आरोप लगाया है। कल्याणी ने कहा है कि CBI ने अमानवीय रूप से टार्चर करते हुए उससे आधी रात तक पूछताछ की। सुबह 9 बजे से रात 1 बजे तक पूछताछ की। इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया है।
कल्याणी ने कहा है कि 15 जून से लेकर 21 जून तक उसके रिमांड के दौरान उसके साथ 'वर्बल' और 'फिजिकल' एब्यूज हुआ। कल्याणी ने अपने वकील के जरिए चंडीगढ़ CBI कोर्ट में अर्जी दायर करते हुए यह आरोप लगाए हैं। मामले में स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, CBI ने चंडीगढ़ CBI को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। कल्याणी ने कोर्ट से मांग की है कि उसके रिमांड के दौरान हुई पूछताछ की वीडियोग्राफी और ऑडियोग्राफी को संरक्षित करने के आदेश जारी किए जाएं।
कल्याणी ने कहा है कि उसके 6 दिन के पुलिस रिमांड के दौरान DSP, इंस्पेक्टर्स और अन्यों को बुला कर पूछताछ की गई थी। उस पर हर तरह के बल का प्रयोग किया गया, जिसमें वर्बल और फिजिकल एब्यूज शामिल था। वहीं उसे धमकाया गया और मनावैज्ञानिक रूप से दबाव बनाते हुए वर्बल एब्यूज करते हुए हत्या का अपराध कबूलने को कहा गया।
ऐसे में कल्याणी ने मांग की है कि उसके सेक्टर-30 स्थित CBI ऑफिस में लिए गए 6 दिन के रिमांड की CCTV फुटेज संरक्षित की जाए। इसमें वीडियोग्राफी और ऑडियोग्राफी भी शामिल है। कल्याणी ने कहा है कि जांच के नाम पर उसे टॉर्चर किया गया।
सुप्रीम कोर्ट जजमेंट को बनाया आधार
कल्याणी ने मामले में सुप्रीम कोर्ट की 3 अप्रैल 2018 की एक जजमेंट को भी आधार बनाया है। यह शफी मोहम्मद बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार की जजमेंट है। इसमें आदेश दिए गए थे कि गृह मंत्रालय द्वारा एक सेंट्रल ओवरसाइट बॉडी(COB) स्थापित की जाए, ताकि जांच के दौरान क्राइम सीन की वीडियोग्राफी को लेकर प्लान ऑफ एक्शन लागू हो सके।
सरकार को आदेश दिए गए थे कि CBI आदि जांच एजेंसियों में CCTV कैमरा और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाए जाएं। वहीं स्पेशल लीव पिटिशन(SLP) में यह भी आदेश दिए गए थे कि कुछ समय के लिए CCTV फुटेज भी संरक्षित करके रखी जाए। यह 6 महीने से कम नहीं होनी चाहिए। वहीं पीड़ित को यह फुटेज संरक्षित करवाने का अधिकार है, जहां मानवाधिकार अधिकारों का हनन हुआ हो।
सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट 'अनट्रेस' रिपोर्ट के साथ जोड़ने की मांग
वहीं कल्याणी ने एक अन्य अर्जी दायर करते हुए मांग की है कि CRPC की धारा 173(8) के तहत दायर सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट को CBI द्वारा वर्ष 2021 में दायर रिपोर्ट के साथ जोड़ दिया जाए। दरअसल वर्ष 2021 में CBI ने अनट्रेस रिपोर्ट दायर की थी।
CBI को इस मामले में 30 नवंबर को अपना जवाब पेश करना है। वहीं इस बीच CBI को कहा है कि वह कल्याणी की उस अर्जी पर अपना विस्तृत जवाब पेश करें, जिसमें सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट में पूरे वैध दस्तावेज सौंपे जाने की मांग की गई थी। बता दें कि सुखमनप्रीत सिंह सिद्धू उर्फ सिप्पी सिद्धू की 20 सितंबर 2015 को सेक्टर-27 के एक पार्क में 4 गोलियां मार हत्या की गई थी।
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