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डाउनलोड करेंसीवान में सदर अस्पताल का स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो गई है। यहां दोपहर के बाद अस्पताल परिसर में अंधेरा छा जाता है। मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जाता है। सदर अस्पताल में कई कई घंटों तक बिजली नहीं रहती है और स्वास्थ्य प्रबंधक को इसकी कोई चिंता नहीं है।
हकीकत तो यह है कि यहां हादसे के बाद शवों के पोस्टमार्टम के लिए मरीजों को कई घंटो तक इंतजार करना पड़ता है। मरीजों के इलाज के लिए कई बार तो चिकित्सक भी मौजूद नहीं रहते है। इसको लेकर अक्सर मरीजों और सदर अस्पताल के कर्मचारियों के बीच बहस भी होती है।
लेकिन, सबसे हैरानी की बात ये है कि इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराए गए मरीजों का इलाज मोबाइल टॉर्च में किया जाता है। दरअसल, यह मामला तीन रोज पहले मंगलवार की दोपहर का है। मंगलवार को सराय ओपी थाना क्षेत्र के चांप गांव में ससुर ने दामाद समेत परिवार के तीन लोगों को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घटना में पीड़ित की पहचान आँशु साईं की पत्नी रोशमा खातून,बेटा महम्मद अली तथा बेटी संगीता परवीन के रूप में हुई थी। जिन्हें इलाज के लिए सीवान सदर अस्पताल लाया गया था।
लेकिन यहां इमरजेंसी वार्ड में पहले से बत्ती गुल थी। दर्द और ज्यादा ब्लीडिंग से मरीज कराहता रहा था। इसके बाद मोबाइल की टॉर्च जला कर मरीजों की इलाज शुरू हुई। गौरतलब है कि हाल ही में 23 सितंबर को सदर अस्पताल के फर्श पर एक महिला को लिटा कर इलाज करने का मामला सामने आया था। इस मामले में प्रभारी सिविल सर्जन ने जांच के बाद करवाई का निर्देश दिया था।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस मामले के संबंध में प्रभारी सिविल सर्जन प्रमोद पांडे ने बताया कि मुझे मामले की जानकारी नहीं थी। अब मामला उनके संज्ञान में है स्वास्थ्य प्रबंधक से मामले के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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