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डाउनलोड करेंकोरोना की तीसरी लहर में पड़ोसी को भी पता नहीं कि संक्रमण किस घर में है। पहली और दूसरी लहर में संक्रमण वाले घरों में संकेत होता था और अधिक संक्रमित मिलने पर मोहल्ले को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाता था। तीसरी लहर में कम्युनिटी स्प्रेड के बाद भी पटना में संक्रमण वाले घरों में कोई संकेत नहीं है। ऐसे में आम लाेगों के लिए कोरोना की लड़ाई कठिन हो गई है।
पटना में हर लहर में बड़ा खतरा
राजधानी पटना में कोरोना की हर लहर में खतरा बड़ा ही रहा है। पहली लहर में कई मोहल्ले हाॅट स्पॉट थे। दूसरी लहर में तो कई बड़े और कई छोटे कंटेनमेंट जोन बनाए गए। माइक्रो कंटेनमेंट जोन से लेकर घर और अपार्टमेंट तक को कंटेनमेंट जोन की श्रेणी में शामिल किया गया। संक्रमण की रफ्तार तीसरी लहर में सबसे तेज रही है। हर दिन आंकड़े डराने वाले आते रहे हैं। लेकिन इस बार घर से लेकर अपार्टमेंट और मोहल्लों को कोरोना संक्रमित के संकेतों वाली श्रेणी में नहीं बांटा गया है। इससे संबंधित घर या अपार्टमेंट से लोग सावधान नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में पटना में अगर थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो खतरा बढ़ सकता है।
पटना में जानिए संक्रमण की रफ्तार
राजधानी पटना में संक्रमण की रफ्तार राज्य में सबसे तेज है। संक्रमण की दर 23% तक पहुंच चुकी है, जांच कराने वालों में हर चौथा व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जा रहा है। पटना में जनवरी में 16 दिनों में 24173 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसमें 11237 लोग अब तक संक्रमण को मात दे चुके हैं। जनवरी में महज 16 दिन में ही 20 लोगों की मौत पटना में हुई है। अब एक्टिव मामलों की संख्या 1,31,82 है। पटना में संक्रमण की दर थोड़ी कम हुई है लेकिन इसके आंकड़ों में उतार चढ़ाव भी खतरनाक है। स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को बचाव के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंस के साथ वैक्सीन लगवाने पर जोर दे रहा है।
पटना सदर और फुलवारी में सबसे अधिक मामले
पटना जिले में सदर और फुलवारी प्रखंड में सबसे अधिक मामले हैं। पटना सदर में जहां 1,33,65 एक्टिव मामले हैं। वहीं, फुलवारी शरीफ में एक्टिव मरीजों की संख्या 1012 है। दानापुर में भी संक्रमण की रफ्तार तेज है। दानापुर प्रखंड में 581 एक्टिव मरीज हैं। पटना जिले के संक्रमण वाले टॉप प्रखंडों में पहले नंबर पर पटना सदर और दूसरे नंबर पर फुलवारी है जबकि तीसरा स्थान दानापुर है। चौथे स्थान पर बिहटा और पांचवें स्थान पर पालीगंज है।
बचाव के लिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोरोना का जब कम्युनिटी स्प्रेड हो ताे बचाव को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि जो खतरे की जद में हों तो उन्हें आइसोलेट होना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों के साथ गंभीर रोग वालों को काफी सावधान रहना है। पटना AIIMS के कम्युनिटी मेडिसिन के HOD डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि अगर सोशल डिस्टेंस और मास्क के साथ साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाए और वैक्सीनेशन पर फोकस किया जाए तो बचाव आसान है। लोगों को भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करना चाहिए और संक्रमण से बचाव को सोशल डिस्टेंस के नियम का भी पालन करना चाहिए। मास्क, सोशल डिस्टेंस, वैक्सीनेशन और कोविड के सभी नियमों का पालन कर ही कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड में बचाव संभव है। ऐसे वक्त में हर व्यक्ति को परिवार व समाज की सुरक्षा को लेकर हमेशा अलर्ट रहना होगा।
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