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डाउनलोड करेंबिहार में रविवार को 5410 नए मामले आए हैं। अब बिहार में एक्टिव केस 35,508 हो गए हैं। वहीं, पटना में 1575 नए मामले आए हैं। वहीं, पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में रविवार को कोरोना की जांच में 4 डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पटना में संक्रमण की दर 17.40% है। इधर, मुजफ्फरपुर में 333, समस्तीपुर में 349, पूर्णिया में 248, भागलपुर में 189 और बेगूसराय में 179 नए केस सामने आए।
आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 15 दिन में 54,821 नए मामले आए और 31 लोगों की मौत हो गई। जनवरी में हर दिन औसतन दो मरीजों की मौत हुई है। यानी हर 12 घंटे पर एक मौत हो रही है। राज्य में इस समय एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 35,916 हो गई है। बिहार में संक्रमण की दर 3.65% हो गई है, जबकि पटना की संक्रमण दर 19.25% है।
8 जिलों में बनेगा पीकू फील्ड अस्पताल
वहीं, तीसरी लहर में बच्चों को बचाने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाना शुरू कर दिया है। बच्चों के इलाज के लिए प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर पर 8 जिलों में पीकू फील्ड अस्पताल बनाया जाएगा। बीएमएसआईसीएल ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिला अस्पताल व सदर अस्पताल के कैंपस में ही फिलहाल प्री फैब फील्ड अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। इमर्जेंसी रेस्पांस एंड हेल्थ सिस्टम्स प्रिपेयर्डनेस पैकेज फेज-2 के तहत बिहार को मिली राशि से इस फील्ड अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। सदर अस्पताल जीजीएस पटना सिटी, जीएमसी बेतिया, जिला अस्पताल खगड़िया, जिला अस्पताल सहरसा, जिला अस्पताल पूर्णिया, जिला अस्पताल नालंदा में 42-42 बेड का पीकू फील्ड अस्पताल बनेगा। जबकि सदर अस्पताल भागलपुर तथा एएनएमसीएच गया में 32-32 बेड का पीकू फील्ड अस्पताल बनाया जाएगा।
3 महीने में काम पूरा करने का लक्ष्य
42 बेड के फील्ड अस्पताल पर 2.74 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जबकि 32 बेड के फील्ड अस्पताल के निर्माण पर 2.46 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। फिलहाल अस्पताल निर्माण के लिए एजेंसी की तलाश की जा रही है। अस्पताल के निर्माण के साथ ही आंतरिक व बाह्य सैनिटेशन, विद्युतीकरण फर्नीचर इत्यादि का काम भी होगा। 3 महीने के अंदर इस काम को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। फील्ड अस्पताल में बेड ऑक्सीजन युक्त होंगे, साथ ही एचडीयू व आईसीयू की भी व्यवस्था रहेगी।
भागलपुर: 15 दिन में ही मिले कोरोना के 1474 नए मरीज
भागलपुर में लगातार छठे दिन तीन अंकों में मरीज मिल रहे हैं। शनिवार को 169 मरीज मिले। मरीजों के मिलने के बीच राहत यह है कि उनके ठीक होने की संख्या भी बढ़ रही है। दूसरी लहर अप्रैल और मई में संक्रमण चरम पर था, तब ठीक होने वाले कम थे। तीसरी लहर में इस बार वायरस में नया ट्रेंड नजर आ रहा है। इस बार अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम है। ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं।
आंकड़े बताते हैं, 1 से 15 जनवरी तक जिले में 1474 मरीज मिले हैं। इनमें 363 ठीक हुए हैं। इस लहर में अब तक दो की मौत हुई है। एक मौत पटना में भागलपुर के शिवपुरी मोहल्ले के युवक की तो दूसरी मौत शनिवार को एक महिला की हुई। अभी मायागंज में 17 मरीजों का इलाज चल रहा है। ये भी वे हैं, जो भागलपुर व आसपास के जिलों से आए हैं। अभी कोरोना वार्ड में 89 बेड खाली हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो संक्रमितों के गंभीर न होने के तीन कारण हैं। पहला ज्यादातर ने कोरोना का टीका लिया है। दूसरी ओर लोगों ने जीवनशैली व खानपान बदला। तीसरी कि वायरल लोड पिछले दो लहर सें कम है। इधर, शनिवार मिले नए मरीजों में शहर से 78 और बाकी गांवों के हैं। इस बीच 66 ठीक भी हुए। सीएस डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि अब हेल्थ वर्कर्स ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। यह चिंता की बात है। मायागंज पीएसएम विभाग की महिला डॉक्टर, मानसिक रोग विभाग के डॉक्टर, तिलकामांझी हटिया रोड की महिला डॉक्टर, सदर अस्पताल की 2 नर्स, 1 कर्मी समेत 169 संक्रमित मिले हैं।
मुजफ्फरपुर में 18 से 45 वर्ष के सबसे अधिक 67.94% पॉजिटिव
मुजफ्फरपुर में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सिर्फ 17 दिनों में आंकड़ा 2000 के पार पहुंच गया है। तीसरी लहर में सबसे अधिक संक्रमित 18 से 45 उम्र वर्ग के लोग हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 30 दिसंबर को जिले में 6 कोरोना पॉजिटिव मिले थे। 30 दिसंबर से 14 जनवरी मिले कोरोना पॉजिटिव में 67.94% लोगों की उम्र 18 से 45 वर्ष के बीच है। 15 से 18 वर्ष के किशोरों के संक्रमित होने की दर महज 2.74% है।
वहीं, 1 दिन से 15 वर्ष तक के 3.63% बच्चे पॉजिटिव हुए। जबकि 45 से 60 वर्ष के 18.87% और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 6.82% लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उल्लेखनीय है कि 18 से 45 वर्ष उम्र वर्ग के लोगों पर घर-परिवार की जिम्मेदारी अमूमन सबसे अधिक होती है।
शहर में जूरन छपरा, मिठनपुरा, लक्ष्मी चौक, जीरोमाइल, ब्रह्मपुरा इलाका हॉट स्पॉट बना : शहरी क्षेत्र में जूरन छपरा, मिठनपुरा, लक्ष्मी चौक, जीरोमाइल और ब्रह्मपुरा इलाका हॉट स्पॉट बना हुआ है। इन इलाकों में 5 जनवरी के बाद सबसे अधिक संख्या में पॉजिटिव मिल रहे हैं। भगवानपुर और छाता चौक इलाके में भी कई पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जिला स्वास्थ विभाग के अनुसार, शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में पॉजिटिविट रेट 90% कम है। अब तक जो मरीज मिले हैं, उसमें सिर्फ 10% लोग ग्रामीण इलाके के हैं। इसका मुख्य कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़-भाड़ नहीं होना बताया गया है।
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