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डाउनलोड करेंरमजान के चांद का दीदार होते ही मुस्लिम भाईयों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देने लगे। चांद देखने के बाद लोगों ने मस्जिदों में जाकर विशेष नमाज (नमाज ए तरावीह) अदा किए। आज से रोजा रखने वाले सभी मुस्लिम भाई सुबह की सेहरी के बाद दिनभर उपवास में रहेंगे और शाम में इफ्तार करेंगे। तंजीम उलेमा-ए-हक़ ज़िला नवादा के अध्यक्ष मौलाना मो० जहांगीर आलम महजूरुल क़ादरी ने कहा रमज़ान के महीने को इस्लाम धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है। इस पूरे महीने में सारी दुनिया में मुस्लिम समुदाय के लोग रोज़ा रखते हैं जिसमें सुबह 4:00 बजे से शाम 6:10 तक उपवास रहते हैं जिसमें किसी प्रकार का खाना पीना नहीं करते हैं। रमज़ान के महीने में मुसलमान विशेष इबादत करते हैं जिस का नाम तरावीह है। इसमें हाफ़िज़े क़ुरआन पूरा क़ुरआन ज़ुबानी पढ़ते हैं और उसे तरावीह की शक्ल में मुसलमान सुनते हैं। इसी पवित्र महीना में अल्लाह तआला ने अपना पवित्र क़ुरआन शरीफ़ को नाज़िल फ़रमाया जो सारे मनुष्य के लिए हिदायत का सरचशमा है । इसी पवित्र महीना में मालदार मुसलमान अपनी रकम की 250% ज़कात निकाल कर समाज के गरीबों, विधवाओं एवं दबे-कुचले लोगों को दान करते हैं और ईद की खुशी में शरीक होने का अवसर प्रदान करते हैं। 29 या 30 रोज़ा पूर्ण होने पर फिर ईद का चांद दिखाई देता है और लोग ईद की नमाज़ मस्जिदों-ईदगाहों में अदा कर के एक दूसरे से गले मिलते हैं और उन्हें ईद की मुबारकबाद देते हैं।
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