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डाउनलोड करेंजिले में आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट लोगों को उनके मोबाइल पर नहीं मिल रही है। इस कारण जांच कराने वाले लोगों को यह जानकारी नहीं मिल रही है कि वे निगेटिव हैं या पॉजिटिव। ऐसे में लोग बाजार व अपने घर में कई लोगों के संपर्क में आकर कोरोना बांट रहे हैं। जांच केंद्र पर पहुंचकर लोग रिपोर्ट मांगते हैं तो कहा जाता है कि रिपोर्ट का मैसेज मोबाइल पर ही पोर्टल से जाएगा। ऐसे में लोग जांच केंद्र से लेकर सदर अस्पताल के आईडीएसपी का चक्कर लगा रहे हैं।
आरटीपीसीआर जांच के पर्यवेक्षक मनोज कुमार ने कहा कि रेलवे स्टेशन, सरकारी व निजी बस पड़ाव पर आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिया जाता है। हर दिन करीब 2500-3000 सैंपल लेकर एसकेएमसीएच स्थित लैब में जांच के लिए भेज जाता है। जांच के बाद रिपोर्ट निगेटिव व पॉजिटिव आई है, उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। पोर्टल पर अपलोड करने के बाद कोरोना जांच करने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर मैसेज जाता है।
केस-1 : लक्ष्मी चौक के अनिरुद्ध सहनी ने 10 जनवरी को जंक्शन पर आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल दिया था। 16 जनवरी तक मैसेज नहीं मिला। सर्दी, खांसी व बुखार था। अब स्वस्थ हो चुके हैं।
केस-2 : पंखा टोली के संतोष कुमार ने तेज बुखार व बदन में दर्द होने पर 11 जनवरी को इमलीचट्टी बस स्टैंड में सैंपल दिया था। वे पॉजिटिव हैं या निगेटिव, इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली।
लोगों ने किया हंगामा :कोरोना जांच केंद्र पर लगी थी लंबी लाइन, कर्मी थे नदारद
सदर अस्पताल स्थित कोरोना जांच केंद्र पर रविवार को 11 बजे काउंटर के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी थी। लेकिन, इस समय तक एक भी स्वास्थ्यकर्मी नहीं मौजूद थे। एक घंटा तक इंतजार के बाद जांच कर्मी नहीं आए तो लाइन में लगे लोग हंगामा करने लगे। नोडल पदाधिकारी डॉ. सीके दास ने कहा कि किस कारण समय पर जांच शुरू नहीं की गई, इसकी जांच कराई जाएगी।
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