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डाउनलोड करेंजूरन छपरा रोड-2 के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के नि:शुल्क ऑपरेशन के नाम पर मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ हो है। अस्पताल में सर्जन नहीं होने के बाद भी ऑपरेशन का मामला सामने आया है। 22 नवंबर को जिस डॉक्टर ने 65 लोगों के माेतियाबिंद का ऑपरेशन किया वह डाॅ. एनडी साहू काॅन्ट्रैक्ट पर आए थे। क्याेंकि, पैनलिस्ट डॉ अमित और डॉ प्रवीण 2 माह पहले ही अस्पताल में सेवा देनी बंद कर चुके हैं। एक ही दिन में डॉ. साहू ने 65 मरीजाें की सर्जरी की। यह एमसीआई और सुप्रीम कोर्ट के मानक का उल्लंघन है।
नतीजा सभी 65 लोगों की आंख की रोशनी चली गई। इन्फेक्शन के कारण अब तक 12 की आंख निकाली जा चुकी है। अन्य 7 लोगों की आंख एसकेएमसीएच में बुधवार को निकाली जाएगी। कार्नियाेमेंट के कारण इनकी रेटिना डेड हाे गई और आंख बह गई। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन आई हॉस्पिटल में चार और एसकेएमसीएच में तीन लोगों की आंख निकाले जाने की ही बात कह रहा है।
सबसे चाैंकाने वाला पहलू यह है कि जिस डाॅ. साहू ने एक दिन में 65 सर्जरी की, उन्हाेंने पहले आई हाॅस्पिटल में एक दिन भी सर्जरी नहीं की।
जांच टीम ने अस्पताल प्रबंधन से पूछा कि ऐसा कैसे हाे सकता है कि 22 नवंबर के पहले डॉ. एनडी साहू ने एक भी ऑपरेशन नहीं किया। फिर घटना के दिन से ही वह 27 नवंबर तक लगातार ऑपरेशन कैसे करते रहे? टीम को आशंका है कि अस्पताल प्रबंधन ने मामले काे दबाने के लिए फर्जीवाड़ा किया हाे। जांच टीम में शामिल सदर अस्पताल की आई स्पेशलिस्ट डॉ. नीतू कुमारी ने कहा कि 22 से 27 नवंबर के बीच 328 मरीजों का ऑपरेशन हुआ है, उनमें एनडी साहू और डॉक्टर समीक्षा का नाम दर्ज किया गया है।
आखिर इसके पहले इन डॉक्टरों ने एक भी दिन ऑपरेशन कैसे नहीं किया। उन्होंने फर्जीवाड़े की आशंका जताई। इसके लिए बीएचटी की जांच की जाएगी। हालांकि, डॉक्टर और प्रबंधन की ओर से टीम को समुचित जवाब नहीं दिया गया।
ऑपरेशन थिएटर से संक्रमण फैलने की आशंका
एसीएमओ डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह के नेतृत्व में मंगलवार काे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल के सचिव और ऑपरेशन करने वाले डाॅ. एनडी साहू से पूछताछ की। इन्हाेंने टीम काे संताेषजनक जवाब नहीं दिया। टीम ने ऑपरेशन थिएटर सील कर दिया और फिलहाल सर्जरी पर रोक लगा दी है। दूसरी ओर, एसकेएमसीएच माइक्रोबायोलॉजी विभाग के टेक्नीशियन ने ऑपरेशन थिएटर से रिंगर लैक्टेट, इंस्ट्रूमेंट्स और स्वैब का सैंपल लिया। इसकी कल्चर जांच से पता चलेगा कि इन मरीजाें में कहां से संक्रमण फैला। आई स्पेशलिस्ट काे शक है कि ऑपरेशन थिएटर में रिंगर लैक्टेट चढ़ाने के दौरान इंफेक्शन फैला। एसकेएमसीएच के सीनियर आई स्पेशलिस्ट डॉ. मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि रिंगर लैक्टेट चढ़ाने से पहले स्टरलाइज्ड नहीं करने से इंफेक्शन फैला हाे सकता है। वैसे इसका पता कल्चर रिपाेर्ट से ही चलेगा।
जांच टीम को सहयाेग कर रहा : डाॅ. साहू
सर्जरी करने वाले डाॅ. एनडी साहू ने दैनिक भास्कर के सवाल पर पहले मैनेजमेंट से पूछने की बात कही। बार-बार पूछने पर उन्हाेंने ऑपरेशन करने की बात ताे मानी, लेकिन इन्फेक्शन के लिए वजहें भी गिनाईं। कहा- किस स्थिति में राेगियाें काे रखा गया, कैसे और काैन सी दवा आंख में दी गई या नहीं, यह सब पता करना हाेगा। कहीं राेगी की आंख में पानी ताे नहीं गया? फिर उन्हाेंने कहा- वह जांच टीम के सवालाें का जवाब दे चुके हैं। आगे अस्पताल प्रबंधन जाने।
डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द करने काे एमसीआई से होगी अनुशंसा
जांच टीम ने अस्पताल प्रबंधन से चिकित्सकाें, पारा मेडिकल स्टाफ समेत सभी कर्मियाें की सूची तलब की है। बीएचटी समेत कई कागजात जब्त किए गए हैं। टीम ने पूछा कि किस स्थिति में मानक को ताक पर रख कर एक दिन में 65 लोगों का ऑपरेशन किया गया। इसका चिकित्सक ने कोई जवाब नहीं दिया। अब चिकित्सक का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए एमसीआई से अनुशंसा की जाएगी।
इन आंखों का दर्द ऐसा कि देखा न जाए!
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