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डाउनलोड करेंबिहार विवि का दूरस्थ शिक्षा निदेशालय अब फिर से सेंटर ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन की तर्ज पर चलेगा। विवि के नियंत्रण में ही परीक्षाएं होंगी और रिजल्ट भी विवि परीक्षा विभाग ही जारी करेगा। इसके लिए पहल शुरू हो गई है। मान्यता लेने से लेकर शैक्षणिक गतिविधियां भी शुरू होंगी। कुलपति डॉ. हनुमान प्रसाद पांडे ने कहा कि इसके लिए सरकार और राजभवन को पत्र लिखा गया है। ऑर्डिनेंस एवं रेगुलेशन पास होने के बाद पूर्व की लंबित परीक्षाएं भी ली
जाएंगी। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों गलत ढंग से बिना रेगुलेशन के एडमिशन आदि लेने के कारण छात्रों की परीक्षाएं रुक गईं। राजभवन के स्तर से रोक लगी है, लेकिन अब नियम के मुताबिक संचालन की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार के स्तर से क्योरी की गई थी, उसके जवाब भी भेज दिए गए हैं। दरअसल, निदेशालय से पहले डिस्टेंस एजुकेशन के रूप में सेंटर चलता था।
नामांकन एवं परीक्षा फॉर्म भरवाने का काम डिस्टेंस के स्तर पर ही होता था, लेकिन 2011 में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय होने के बाद परीक्षाओं का संचालन और रिजल्ट आदि कार्य भी निदेशालय स्तर से ही होने लगा, लेकिन विवि का नैक ग्रेड बी आने के बाद यूजीसी ने निदेशालय की मान्यता विस्तारित नहीं की। इसके कारण पिछले 5 साल से शैक्षणिक गतिविधियां ठप हैं।
छात्रों की फंसी हैं परीक्षाएं
छात्र हित में कार्रवाई की जा रही है, ताकि गतिविधियां सुचारु हों : निदेशक
दूरस्थ शिक्षा निदेशालयक के निदेशक डॉ. ओपी राय ने कहा, विवि सिंडिकेट ने निदेशालय का नियंत्रण एवं संचालन पूरी तरह से विवि स्तर पर करने का निर्णय लिया है। छात्र हित में कार्रवाई की जा रही है, ताकि नामांकित छात्रों की परीक्षा लेने के साथ आगे गतिविधियां सुचारु रूप से चल सकें। सिंडिकेट सदस्य डॉ. धनंजय सिंह ने मामले को उठाया था।
यूजीसी अब बी ग्रेड पाने वाले विवि में भी सेंटर को मान्यता पर कर रही विचार
यूजीसी अब नैक से बी ग्रेड पाने वाले विवि में भी सेंटर को मान्यता देने पर विचार कर रही है। विवि के अनुसार, सोमवार को इसे लेकर दिल्ली में निर्णय भी लिए जाएंगे। बीआरए बिहार विवि को नैक से बी ग्रेड मिला, जबकि सेंटर की मान्यता के लिए अभी ए ग्रेड चाहिए।
ऑर्डिनेंस एवं रेगुलेशन अप्रूव होने पर 40 हजार छात्र-छात्राओं की हो सकेंगी परीक्षाएं | कुलपति ने ऑर्डिनेंस एवं रेगुलेशन राजभवन से अप्रूव कराने के लिए पत्र भेजा है। रेगुलेशन की स्वीकृति मिलने पर विभिन्न सत्रों के 40 हजार छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं हो सकेंगी।
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