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डाउनलोड करेंहथियार तस्कर अब सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन सौदा कर ऑफलाइन डिलीवरी कर रहे हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब अवैध हथियार के साथ दिल्ली स्पेशल पुलिस टीम ने शुक्रवार को अलग-अलग राज्यों के चार तस्करों को गिरफ्तार किया। इसमें मुंगेर के हथियार तस्कर अभिषेक भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया।
मुंगेर में इंस्टाग्राम, फेसबुक और यू-ट्यूब से हथियारों की बुकिंग की जा रही थी। आजाद ग्रुप मुंगेर के नाम से इसके लिए बकायदा अकाउंट भी बनाया गया था। यहां तक की पेमेंट भी गूगल-पे और फोन-पे लिया जा रहा था। हथियारों की डिलीवरी ऑफलाइन होती थी। इसके लिए हथियार खरीदने वालों को मुंगेर बुलाया जाता था। ग्राहक को वॉट्सऐप पर डिलीवरी की लोकेशन भेजी जाती थी।
इस ग्रुप पर मैसेज लिखा था जिस शेर हिंदू भाई को हथियार चाहिए। वह हम से कॉन्टेक्ट करके ले सकते हैं। हथियार लेने के लिए मुंगेर आना होगा। आज के टाइम में खुद को ताकतवर बनाना जरूरी है। शांति की भीख कमजोर मांगते हैं। ताकतवर अपने दम पर शांति स्थापित करते हैं। हिंदू भाई शेर बनो...।
सोशल मीडिया पर 'आजाद ग्रुप मुंगेर' के नाम से अकाउंट
दिल्ली में गिरफ्तार हथियार तस्कर अभिषेक भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस को बताया कि वह इस धंधे में कई दिनों से है। अभिषेक और उसके साथियों ने मुंगेर में फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर 'आजाद ग्रुप मुंगेर' के नाम से अकाउंट बना रखा था। इस पर हथियारों के बारे में जानकारी दी जाती है।
इस ग्रुप से महंगे और हाईटेक हथियार की तस्वीर और वीडियो डालकर अवैध हथियार की खरीदारी करने वाले लोगों को इसका सैंपल दिखाया जाता था। ग्राहक मनचाहा हथियार पसंद कर ऑनलाइन बुकिंग करते थे, इसके बाद पैसे की डिलीवरी ऑनलाइन पे-फोन या गूगल-पे के जरिए बैंक अकाउंट में डालते थे। तब जाकर अवैध हथियार को बेचने वाले लोग हथियार की खरीदारी करने वाले लोगों को मुंगेर बुलाते हैं, फिर वॉट्सऐप लोकेशन भेजकर वहां हथियार की डिलीवरी दी जाती है।
इस संबंध में मुंगेर एसपी जग्गू नाथ रेड्डी ने बताया कि मुझे जानकारी मिली है कि आजाद ग्रुप मुंगेर के जरिए हथियार बेचे जा रहे थे। हमें भी दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के बाद ही इस बारे में पता चला है। हम भी अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं। उसके बाद ही मामले में कुछ बता पाएंगे।
मुंगेर में 500 रुपए देकर बन रही थी पिस्टल, 3 गिरफ्तार
मुंगेर में 500 रुपए मजदूरी देकर तहखाने में पिस्टल बनवाई जा रही थी। टेटियाबंबर थाना के खपड़ा गांव में एक किराए के मकान में मिनीगन फैक्टरी चलाई जा रही थी। जहां 50 हजार रुपए प्रतिमाह मकान का किराया था। पुलिस और STF ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को यह खुलासा किया। साथ ही तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कारीगरों को प्रति पिस्टल 500 से 1000 रुपए मजदूरी दी जाती थी। हथियार बनाने के लिए औजार और अन्य कच्चा माल की आपूर्ति एक कारोबारी करता था और निर्मित हथियार खुद ले जाता था। अभी वह फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
मुंगेर के तमंचे का गढ़ बनने की कहानी
बिहार का मुंगरे जिसे देश-दुनिया या तो बंदूकों के लिए जानती है या फिर बिहार योग विद्यालय, जमालपुर रेलवे वर्कशॉप और इंडियन टोबैको कंपनी के लिए। बिहार एंड ओडिशा गजेटियर में बताया गया है कि 19वीं सदी में पहले मुंगेर में आर्म्स की पांच दुकानें थीं। मेले में पिस्तौल बेची जाती थी। सिंगल बैरल की पिस्तौल 10 रुपए में तो डबल बैरल की पिस्तौल 20 रुपए में मिल जाती थी। आर्ट्स एंड इंडस्ट्रीज इन बंगाल पुस्तक में कॉलिन ने बताया है कि सिंगल बैरेल ब्रीच लोडर 30 रुपए और डबल बैरेल ब्रीच लोडर 50 रुपए में मिलता था। एक अच्छा कारीगर पिस्तौल बनाकर 50 रुपए तक कमा लेता था। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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