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अनदेखी:वर्षों से रामपट्टी रोड में बनकर तैयार केंद्रीकृत रसोईघर नहीं हो सका है चालू, अधिकारी बोले-जल्द चालू होगा

मधुबनीएक वर्ष पहले
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  • शहरी क्षेत्रों के प्रारंभिक स्कूलों में हाईटेक वाहन से पहुंचाना था मध्याह्न भोजन

कोरोना की वजह से कई योजनाएं भी प्रभावित हुई है। केंद्रीकृत रसोईघर जिसके माध्यम से मुख्यालय के शहरी क्षेत्र के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों के बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध करवाना था। लेकिन कोरोना की वजह से मुख्यालय के शहरी क्षेत्रों में एक किमी के अंदर सभी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में मध्याह्न भोजन गैर सरकारी संगठन के हवाले करने की यह योजना कब धरातल पर पहुंचेगी बताना मुश्किल है। जबकि केंद्रीकृत रसोईघर बनकर तैयार हो चुका है। विभागीय आदेश भी निकाली जा चुकी है लेकिन कोरोना संक्रमण को लेकर रसोई कब से काम करेगा इसके तिथि की कोई घोषणा नहीं की गई है।

वही एनजीओ मध्याह्न भोजन ( पीएम पोषण योजना)का संचालन करेगा जिसका नाम कभी जिला प्रशासन द्वारा काली सूची में न डाली गई हो या जिला प्रशासन द्वारा उस एनजीओ के विरूद्ध मुकदमा दर्ज नहीं हो। जिला द्वारा पूर्व में ही मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक को जिला मध्याह्न भोजन कार्यालय ने शहरी क्षेत्र के सरकारी प्राइमरी व मिडिल विद्यालयों , मकतब, मदरसा, उर्दू मिडिल स्कूल, संस्कृत विद्यालयों की सूची उपलब्ध करा दी है। सूची में वार्ड संख्या, स्कूल का नाम, आइडी नंबर और नामांकित छात्र छात्राओं की संख्या भी दी गई थी। शहरी क्षेत्र में नई व्यवस्था में सभी स्कूलों को मेन्यू के अनुसार मध्याह्न भोजन मिलेगी। नई व्यवस्था से शिक्षकों को भी राहत मिलेगी।

मध्याह्न भोजन के उत्तरदायित्व से मुक्त होने के बाद शिक्षक छात्र छात्राओं को मन लगाकर पढा सकेंगे । कई अभिभावकों ने भी नई व्यवस्था के प्रति खुशी का इजहार किया है। जिला पीएम पोषण योजना कार्यालय के जिला लेखापाल दीपक कुमार ने बताया कि रामपट्टी रोड में विशाल किचेन शेड बनकर तैयार है। वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद इसे शुरू कर दिया जाएगा। शहर के रामपट्टी रोड में केंद्रीकृत रसोईघर बनकर तैयार हुए तीन वर्ष से अधिक हो गया है। यह काफी विशाल भूभाग में है। यहीं शहरी क्षेत्र के वार्डों के स्कूलों का मध्याह्न भोजन तैयार किया जायेगा और उसे वाहन से समय से स्कूलों में पहुंचाया जायेगा। मालूम हो कि शहरी क्षेत्र के वार्डों में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां किचेन शेड नहीं है। कई विद्यालयों में तो लंबे समय से चापाकल खराब है या गंदा पानी दे रहा है।

इससे मध्याह्न भोजन प्रदूषित होने की आशंका बनी रहती है। नई व्यवस्था में सभी स्कूलों को समय से मध्याह्न भोजन मिल जायेगा। वाहन हाईटेक होगा और इसमें हैंडवासिंग की सुविधा भी रहेगी। कोरोना महामारी की वजह से हुआ विलंब| डीपीओ पीएमपोषण योजना शोभाकांत ने बताया कि कोरोना संक्रमणकाल की वजह से यह योजना धरातल पर उतारने में विलंब हुई है। इसे शुरू करने की प्रक्रिया जारी है, जल्द ही वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद इसे चालू कर दिया जाएगा।