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डाउनलोड करें1 जुलाई से प्लास्टिक बैन है, परंतु कागजों में। क्योंकि जिले में पाबंदी के बावजूद पॉलीथिन बैन का असर होता नहीं दिख रहा है। प्लास्टिक बैन को लेकर न जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है तथा न हीं लोग कानून का पालन कर रहे हैं। इधर लोग धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। शहर के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी दुकानदारों व ग्राहकों पर इसका असर नहीं दिख रहा है। हालांकि शहरी इलाकों में कुछ जागरूक दुकानदारों ने पॉलीथिन का उपयोग बंद कर दिया है। हालांकि इन सब के बीच शुक्रवार या शनिवार को जिला प्रशासन या नगर परिषद के पदाधिकारी भी जांच करते नजर नहीं आए। प्रशासनिक शिथिलता के कारण ही पॉलीथिन बैन का कुछ खास असर होता नहीं दिख रहा है। बता दें कि देशभर में 1 जुलाई सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन, बिक्री व उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
19 वस्तुओं पर लगा प्रतिबंध :
कचरा प्रबंधन नियम के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक की 19 वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ हीं 31 दिसंबर 2022 तक प्लास्टिक कैरी बैग की न्यूनतम मोटाई को 75 माइक्रोन से बढ़ाने की तैयारी है। इसके बाद 120 माइक्रोन के प्लास्टिक कैरी बैग ही इस्तेमाल कर सकेंगे। मोटे कैरी बैग होने पर इसके इस्तेमाल में भी कमी आने की उम्मीद की जा रही है।
सब्जी व किराना दुकानों पर मिल रहा पाॅलिथीन सब्जी दुकानदार व रेहड़ी पर पूड़ी सब्जी बेचने वाले भी पॉलीथिन में सामान दे रहे हैं। लोग भी जागरूक नहीं हैं। कुछ लोग थैला लेकर सब्जी खरीदने जा रहे हैं। ठेले पर पूड़ी-सब्जी बेचने वाला पाॅलीथिन में ही पैक करके दे रहा था।
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