पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंतकनीकी कारणों से सीमित किसानों तक ही सरकारी कृषि योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। सुदूर गांवों में रहने वाले किसानों को योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते है। बीज से लेकर सहकारी समितियों को अनाज बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है होता है।
गांवों में रहने वाले किसानों कि पहुंच प्रखंड मुख्यालय तक नहीं होती है। अभी तक पंचायत स्तर पर आरटीपीएस काउंटर संचालित करने का मामला अभी प्रकिया में है। किसान कहते है कि यह सोंच कर प्रखंड मुख्यालय पर नहीं आते कि पैसा और समय दोनों नष्ट होने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।प्रखंड कृषि कार्यालय से बीज और खाद उपलब्ध होता है ।
जबकि केसीसी के लिए बैंकों का चक्कर काटना पड़ता है । प्रखंड के पंचायतों में 12 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री बीज बिस्तार योजना के तहत सहित अन्य योजनाओं से किसानों के बीच बीज का वितरण किया गया हैं। बीईओ कृष्ण मोहन चौधरी ने बताया कि कृषि विभाग से क्रियान्वित की जाने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के किसानों को समय समय पर मिलता रहा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.