पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
डाउनलोड करेंअमेरिका में आज मिड टर्म इलेक्शन यानी मध्यावधि चुनाव है। ये राष्ट्रपति के चार साल के कार्यकाल के बीच की अवधि में होता है। मिड टर्म इलेक्शन से संसद के दोनों सदनों हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव (लोअर हाउस) और सीनेट (अपर हाउस) के मेंबर्स को चुना जाता है। इसके अलावा राज्यों में गवर्नर का चुनाव भी होता है।
आज हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव की सभी 435 सीटों, सीनेट की 100 में से 35 सीटों और 36 राज्यों के गवर्नर के लिए चुनाव होना है। किसी भी पार्टी को हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में बहुमत हासिल करने के लिए 218 सीटें पर जीत हासिल करनी होगी।
महंगाई चुनाव का बड़ा मुद्दा
अमेरिका में महंगाई एक बड़ी समस्या बन गई है। सितंबर में महंगाई दर 8.2 फीसदी थी। कई सर्वे के मुताबिक, अमेरिका के 57.9 फीसदी लोग अर्थव्यवस्था संभालने के बाइडेन के रिकॉर्ड से नाखुश हैं। वहीं, गर्भपात का कानून भी एक अहम मुद्दा है। 24 जून को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को 50 साल पहले मिली अबॉर्शन की संवैधानिक सुरक्षा खत्म कर दी। प्रेसिडेंट बाइडेन इसके खिलाफ हैं। इसके अलावा US में गोलीबारी की घटनाएं काफी बढ़ गई हैं, जिसके बाद गन लॉ की मांग बढ़ गई है।
संसद को दोनों सदनों के काम पर एक नजर
भारत की तरह अमेरिका में भी संसद ही कानून बनाती है। हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव तय करता है कि किन कानूनों पर वोटिंग होगी। इसके बाद सीनेट उन कानूनों को अप्रूव या ब्लॉक करता है। इसके साथ ही सीनेट राष्ट्रपति ने जिन लोगों को नियुक्त किया है उन्हें कन्फर्म करता है। यहां तक की जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति के खिलाफ जांच भी सीनेट ही करता है।
रिपब्लिकन से पिछड़ी डेमोक्रेटिक पार्टी लेकिन मुकाबला कड़ा
पिछले दो साल से हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव में प्रेसिडेंट जो बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी 221 सीटों के साथ बहुमत में रही है। लेकिन, सीनेट में कांटे की टक्कर है। यहां रिपब्लिकन पार्टी के पास 50 तो डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 48 सीटें हैं। 2 स्वतंत्र सीटें बाइडेन सरकार का समर्थन करती हैं। इसलिए इस बार होने वाले इलेक्शन में दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला है।
मिड टर्म इलेक्शन के नतीजे 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवारी का आधार तय करेंगे। आसान शब्दों में समझें तो लोगों के वोटों के आधार पर राष्ट्रपति उम्मीदवार का आंकलन किया जाता है और राष्ट्रपति चुना जाता है।
चुनाव के रिजल्ट का क्या असर होगा
ट्रम्प की नजर 2024 के चुनाव पर, 14 नवंबर को चुनाव लड़ने का ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर सकते हैं
डोनाल्ड ट्रम्प ने साफ कर दिया है कि वो 2024 में होने वाले US प्रेसिडेंट इलेक्शन में उतरने का मन बना रहे हैं। उन्होंने एक रैली में कहा कि वो इसकी तैयारियां कर रहे हैं। Axios और न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प 14 नवंबर को चुनाव लड़ने का ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर सकते हैं। पढ़ें पूरी खबर...
ये 3 राज्य इलेक्शन के लिए अहम
इलेक्शन के लिए जॉर्जिया, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन राज्य अहम हैं। 2020 में बाइडेन ने विस्कॉन्सिन को 20,000 मतों से जीता। 2016 में ट्रम्प यहां 22 हजार मतों से जीते थे। 2020 में पेंसिल्वेनिया का चुनाव बाइडेन ने 80,000 वोटों से जीता था, जबकि ट्रम्प ने 2016 में 50,000 मतों से जीता था। इसी तरह, बाइडेन ने 2020 में जॉर्जिया में 12 हजार मतों से जीत हासिल की और 2016 में ट्रम्प ने 2 लाख से अधिक वोट से जीता था। इन 3 राज्यों के अलावा एरिजोना, नेवादा, ओहायो भी अहम हैं।
US में भारतीय अमेरिकी मतदाताओं का रोल भी अहम
मिड टर्म चुनाव में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी भारतीय अमेरिकी समुदाय को जोड़ने में लगी हैं। दरअसल, भारतीय लोग अमेरिकी स्विंग वाले राज्यों में एक महत्वपूर्ण वोट के रूप में उभरे हैं, यहां हार-जीत एक हजार या कुछ हजार वोटों से तय होती है। US थिंक टैंक कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक चुनिंदा स्विंग राज्यों में, भारतीय अमेरिकी आबादी जीत के अंतर से बड़ी है, जिसने 2016 में हिलेरी क्लिंटन और 2020 में ट्रम्प को नजदीकी लड़ाई में बाहर कर दिया।
आबादी में 1% हिस्सा, फिर भी भारतवंशी वोटर्स किंगमेकर
अमेरिका में भारतवंशियों की संख्या करीब 42 लाख है। अमेरिकी आबादी में इनकी हिस्सेदारी 1% से कुछ ज्यादा है, लेकिन ये इस तरह फैले हैं कि 6 राज्यों व कांग्रेस की 10 सीट में निर्णायक हैं। इनकी हिस्सेदारी 6 से 18% है। कैलिफोर्निया, टेक्सास, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, इलिनोइस में इनकी सबसे ज्यादा आबादी है। लेकिन ये विस्कॉन्सिन, मिशिगन, पेंसिल्वेनिया, वर्जीनिया और जॉर्जिया और एरिजोना जैसे स्विंग राज्यों में भी मायने रखते हैं, यहां उनकी संख्या भले छोटी है, लेकिन चुनाव में जीत या हार के अंतर से ज्यादा है।
ये खबरें भी पढ़ें...
बाइडेन को 67%, ट्रम्प को 57% लोग फिर राष्ट्रपति नहीं चाहते; फिर भी दोनों जता रहे दावेदारी
अमेरिका में मिड टर्म चुनाव के कारण राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। इन चुनावों को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की साख दांव पर है। हालांकि, इसी बीच अमेरिकी जनता का एक बड़ा वर्ग 2024 के राष्ट्रपति चुनावों में इन दोनों ही नेताओं को शीर्ष पदों पर नहीं देखना चाहता। अधिकांश अमेरिकी तीसरे विकल्प की तलाशने में हैं। पढ़ें पूरी खबर...
अमेरिकी महिलाओं से कैसे छिना अबॉर्शन का अधिकार, जानिए पूरी कहानी और हर किरदार
24 जून को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को 50 साल पहले मिली अबॉर्शन की संवैधानिक सुरक्षा खत्म कर दी। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस फैसले को दुखद बताते हुए कहा- कोर्ट ने आज जो किया है वो कभी नहीं हुआ। अमेरिकी महिलाओं का स्वास्थ्य और जीवन अब खतरे में है। यह फैसला अमेरिका को 150 साल पीछे धकेलने वाला है। पढ़ें पूरी खबर...
कैपिटल हिंसा में ट्रम्प ने एक्शन नहीं लिया, जांच कमेटी बोली- ट्रम्प 187 मिनट तक डायनिंग रूम में बैठे रहे, सब टीवी पर देख रहे थे
अमेरिका में 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों के हमले को लेकर सुनवाई कर रही अमेरिकी कांग्रेस कमेटी ने हिंसा के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को जिम्मेदार माना। समिति के चेयरमैन बेनी थॉम्पसन ने कहा- ट्रम्प एक्शन लेने में विफल नहीं रहे, बल्कि उन्होंने ने हिंसा के दौरान कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने के लिए अराजकता और भ्रष्टाचार का रास्ता चुना। पढ़ें पूरी खबर...
डोनाल्ड ट्रम्प के घर FBI की रेड, न्यूक्लियर डॉक्यूमेंट्स समेत US टॉप सीक्रेट ऑपरेशन्स से जुड़े दस्तावेज भी बरामद
अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने पूर्व राष्ट्रपति के आलीशान पॉम हाउस और रिजॉर्ट मार-ए-लीगो पर छापा मारा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, FBI एजेंट्स को यहां दूसरे देशों की मिलिट्री और न्यूक्लियर केपेबिलिटी से जुड़े डॉक्यूमेंट्स मिले। पढ़ें पूरी खबर...
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.