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डाउनलोड करेंपाकिस्तान ने शुक्रवार को अपनी पहली सुरक्षा नीति जारी की। करीब 110 पेज वाली सुरक्षा नीति के 50 पेज ही सार्वजनिक किए गए हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मौके पर कहा कि देश की आर्थिक सेहत ठीक नहीं है। ऐसे में इस ओर सबसे पहले ध्यान देना होगा। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी NSA मोइद यूसुफ ने कहा कि नीति का फोकस आर्थिक सुरक्षा के जरिए लोगों की रक्षा है, लेकिन इसके फौरन बाद ही यूसुफ ने कहा कि भारत का हिंदुत्व पाकिस्तान के लिए खतरा है।
पाक NSA ने कहा, 'जिस प्रकार से भारत में राजनीतिक फायदे के लिए कथित रूप से उन्माद फैलाया जा रहा है, ये पाकिस्तान के लिए बड़ा भय है। जम्मू-कश्मीर का मुद्दा दोनों देशों के बीच संबंधों की धुरी रहेगा। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का रुख पहले की तरह ही रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। कश्मीर को लेकर भारत जो भी कर रहा है वो ठीक नहीं है।'
नीति नई, लेकिन कश्मीर पर पुराना रवैया बरकरार
हमेशा से कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान की सुरक्षा नीति में भी इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कश्मीर एजेंडे में रहेगा। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यूसुफ ने भारत के साथ संपर्क को बढ़ाने का भी राग अलापा। उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जाेर दिया।
हम बस सेना का ख्याल रखते रहे: इमरान
इमरान सुरक्षा नीति को इतिहास में पहली बार की गई पहल बता कर प्रचारित कर रहे हैं। इस सियासी दांव से इमरान पाक सेना के सामने अपने कद को बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, अब तक की सरकारों ने सेना पर ही अपना पूरा ध्यान रखा है। पूर्ववर्ती सरकारें सुरक्षा के मुद्दे से आगे जन कल्याणकारी योजनाएं ही नहीं बना पाईं।
इमरान V/s सेना... ISI प्रमुख की नियुक्ति में पाक सेना प्रमुख बाजवा से मात खा चुके हैं PM
फैज को नहीं दे पाए सेवा विस्तार
इमरान ISI चीफ फैज हमीद को सेवा विस्तार देना चाहते थे, बाजवा के दबाव में नदीम को नया चीफ बनाना पड़ा।
रक्षा मंत्री खट्टक से भी खटपट
रक्षा मंत्री परवेज खट्टक खैबर क्षेत्र से हैं। वे इमरान पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगा चुके। खट्टक बाजवा के समर्थक हैं।
पाक सेना काे चीन से मदद
पाक सेना चीन से बेहतर संबंधों की समर्थक है। पाक सेना को भारत के खिलाफ चीन से सैन्य मदद मिलती है। 1980 के बाद से चीन से मदद का सिलसिला जारी है।
पश्चिमी देशों के साथ संबंध
पाकिस्तान प्रमुख पश्चिमी देश अमेरिका से ही 1947 के बाद से 7.23 लाख करोड़ रुपए मदद के नाम पर ले चुका है। UK और जर्मनी से भी मिलती है मदद।
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