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डाउनलोड करेंउत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले सिकांतो मंडल ने पुरानी साइकिल से कचरा उठाने वाली मशीन बनाई है। इसकी मदद से बिना हाथ लगाए आसानी से कचरा उठाया जा सकता है। इसके लिए उन्हें नेशनल लेवल पर अवॉर्ड मिल चुका है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी सम्मानित कर चुके हैं। इतना ही नहीं बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार भी सिकांतो के इनोवेशन के मुरीद हैं। उन्होंने पैडमैन फिल्म के प्रमोशन के लिए सिकांतो को मुंबई बुलाया था और उन्हें 5 लाख रुपए का ईनाम दिया था। अब गुजरात की एक बड़ी कंपनी ने भी सिकांतो से करार किया है। आज की पॉजिटिव खबर में हम सिकांतो के इनोवेशन के बारे में जानते हैं...
9वीं क्लास में पढ़ाई के दौरान आया आइडिया
सिकांतो मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। उनके पिता मथुरा में रिक्शा चलाने के साथ ही एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। घर-परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। सिकांतो बताते हैं, 'साल 2016 की बात है। तब मैं 13 साल का था और 9वीं क्लास में पढ़ता था। मैं एक ऐसे स्कूल में पढ़ता था जहां गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाया जाता है। वहां हम लोग नीम के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ते थे। तब हर जगह स्वच्छता की मुहिम चल रही थी। हम लोग भी साफ-सफाई कर रहे थे, लेकिन ज्यादातर बच्चे कपड़े और हाथ गंदे होने के डर से इसमें भाग नहीं ले रहे थे।'
सिकांतो कहते हैं कि उस वक्त मेरे दिमाग में ख्याल आया कि क्या हम कुछ ऐसी मशीन बना सकते हैं जिससे कचरा भी उठ जाए और कपड़े भी गंदे न हों। हाथ भी साफ रहे। कुछ दिनों तक प्लान करने के बाद मेरे दिमाग में एक आइडिया आया। वो आइडिया था साइकिल के ब्रेक का। हम लोग साइकिल का ब्रेक दबाते हैं और उसके दोनों ग्रिप टायर को पकड़ लेते हैं, उसी कॉन्सेप्ट पर मैंने तय किया कि एक मशीन बनाई जाए जो बिना हाथ लगाए कचरा उठा ले।
आइडिया तो मिल गया, लेकिन मशीन बनाने के पैसे नहीं थे
सिकांतो कहते हैं कि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। बड़ी मुश्किल से रोज का खर्च निकलता था। मेरे दिमाग में आइडिया आ गया था, लेकिन मैं उसे इम्प्लीमेन्ट नहीं कर पा रहा था, क्योंकि उसके लिए हमारे पास पैसे नहीं थे। फिर अपने आइडिया को लेकर मैंने अपने एक टीचर से बात की। उन्हें मेरा आइडिया पसंद आया और कहा कि इसे कागज पर अच्छे लिखकर दो मैं कुछ करता हूं। इसके बाद मैंने उन्हें अपना आइडिया लिखकर दिया। उन्होंने मेरे आइडिया को स्कूल लेवल पर होने वाले ‘इंस्पायर अवॉर्ड’ कॉम्पिटिशन के लिए भेजा। किस्मत अच्छी रही और मेरा आइडिया सिलेक्ट हो गया। इसके बाद मुझे 5 हजार रुपए मिले।
कबाड़ से साइकिल लेकर बनाई कचरा उठाने की मशीन
सिकांतो बताते हैं, '5 हजार रुपए की प्राइज मिलने के बाद मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ गया। इसके बाद मैं सामान जुटाने लगा। मैंने एक कबाड़ वाले से पुरानी बेंच, साइकिल के ब्रेक, ग्रिप और वायर खरीदा और उसके बाद अपनी मशीन बनाई, जिसकी मदद से बिना हाथ लगाए कचरा उठाया जा सकता था। मेरे इनोवेशन को देख कर स्कूल के टीचर्स काफी खुश हुए और उन्होंने इसे जिला स्तर पर इंस्पायर अवॉर्ड के लिए भेज दिया। वहां भी मेरे आइडिया का सिलेक्शन हो गया।'
अक्षय कुमार ने की तारीफ
जिला स्तर पर सिलेक्ट होने के बाद सिकांतो ने अपने आइडिया को राज्य स्तर के लिए भेजा। साल 2017 में वे लखनऊ गए और वहां जूरी के सामने अपने आइडिया को पेश किया। वहां मौजूद लोगों को सिकांतो का आइडिया पसंद आया और सिलेक्शन हो गया। यहां 60 लोगों के आइडिया को जगह मिली थी, जिसमें एक सिकांत भी थे। इसके बाद सिकांत के आइडिया को नेशनल लेवल पर भेजा गया। वहां भी वे अपना परचम लहराने में कामयाब रहे।
इसी बीच साल 2018 में अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन रिलीज हो रही थी। उसके प्रमोशन के लिए वे टॉप इनोवेशन आइडिया वाले लड़के ढूंढ रहे थे। उन्हें सिकांतो के बारे में जानकारी मिली और फिर क्या था तत्काल सिकांतो को इनवाइट भी कर दिया। इसके बाद सिकांतो मुंबई गए और अक्षय कुमार से मिले, उन्हें अपना मॉडल दिखाया। उनका मॉडल अक्षय कुमार को काफी पसंद आया। इसके बाद उन्होंने पैडमैन के प्रमोशन में पार्टिसिपेट किया और उन्हें 5 लाख रुपए का ईनाम मिला।
जापान जाने का मौका मिला, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
सिकांतो बताते हैं, 'नेशनल लेवल पर चुने जाने के बाद मुझे जापान जाने का भी मौका मिला। वहां हम लोग 7 दिनों तक रहे और इनोवेशन पर काम करने वाले लोगों से मिले और जरूरी जानकारी जुटाई। हमारे लिए काफी शानदार लर्निंग एक्सपीरिएंस रहा।'
इसके बाद भारत आने पर उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का मौका मिला। वे तीन दिनों तक राष्ट्रपति भवन के गेस्ट हाउस में रहे। राष्ट्रपति उनके इनोवेशन से प्रभावित हुए और उन्हें सम्मानित भी किया।
इसके बाद सिकांतो की मुलाकात ‘नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन’ के डायरेक्टर डॉ. विपिन कुमार से हुई। उन्होंने सिकांतो के स्वच्छता कार्ट को पेटेंट करने में मदद की। अब उन्होंने गुजरात की एक कंपनी से करार किया है जो कचरा उठाने वाली मशीन बना रही है। एक मशीन की कीमत 15 हजार रुपए के करीब है। इस मशीन के जरिए आसानी से कचरा उठाया जाता है। मशीन में कूड़ा बीनने के लिए एक पिकर लगा है। इसे एक ग्रिपर और हैंडल के जरिए आसानी से डंप किया जा सकता है। इसके अलावा, उन्होंने मशीन में सफाई कर्मियों की सुविधा के लिए झाड़ू, पानी और अन्य सामानों को रखने की जगह भी दी है।
इनोवेशन में दिलचस्पी है तो यह खबर आपके काम की है
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