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कोरोना दुनिया में:दुनिया में 24 घंटे में 25 लाख केस; अमेरिका में सबसे ज्यादा 7.51 लाख मरीज, बढ़ते संक्रमण के कारण 2200 फ्लाइट्स कैंसल

वॉशिंगटनएक वर्ष पहले
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ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से दुनिया भर में कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। 24 घंटे में दुनिया के 6 देशों में एक लाख से ज्यादा कोरोना केस दर्ज किए गए हैं। वहीं, बीते दिन पूरी दुनिया में 24, 97,154 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। अमेरिका में दुनिया में सबसे ज्यादा 7.51 लाख कोरोना केस दर्ज किए गए हैं। अमेरिका में संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शुक्रवार को 2200 फ्लाइट्स कैंसल की दी गई हैं।

इसके अलावा फ्रांस में 2.61 लाख, इटली में 2.19 लाख , ब्रिटेन में 1.79 लाख , भारत में 1.14 लाख और अर्जेंटीना में 1.09 लाख कोरोना केस मिले हैं। कोरोना की वजह से दुनिया भर में अब तक 54.89 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

दुनिया में अब तक की स्थिति

  • कुल संक्रमित: 30 करोड़
  • ठीक हुए: 25.74 करोड़
  • एक्टिव केस: 3.78 करोड़
  • कुल मौतें: 54.89 लाख

कोरोना अपडेट्स

  • ऑस्ट्रेलिया में ओमिक्रॉन के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए यहां शुक्रवार को पाबंदिया लगा दी गई हैं। सबसे अधिक आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स में कोरोना के रिकॉर्ड 38,625 नए मामले दर्ज किए। इसके बाद यहां और नाइट क्लब्स को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। वहीं, अस्पतालों पर भारी दबाव के चलते मिड फरवरी तक गैर-जरूरी मेडिकल सर्जरी को टालने का आदेश दिया गया है।
  • चीन में कोरोना के लोकली ट्रांसमिटेड 116 नए केस मिले हैं। यानी, संक्रमण स्थानीय स्तर पर एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुंचा। इनमें शांक्सी प्रांत में 57, हेनान में 56 और झेजियांग में 3 मामले दर्ज किए गए।

WHO चीफ की चेतावनी- जानलेवा है ओमिक्रॉन, इसे हल्के में न लें
दुनिया में पिछले 24 घंटे में कोरोना के करीब 25 लाख केस दर्ज किए गए हैं। WHO चीफ टेड्रोस ने कहा है कि ओमिक्रॉन दुनियाभर में लोगों की जान ले रहा है। उन्होंने गुरुवार को बताया कि वैक्सीनेटेड लोगों में ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले कम खतरनाक साबित हो रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे हल्के में लेना चाहिए। पिछले वैरिएंट की तरह ही ओमिक्रॉन लोगों को अस्पताल में भर्ती कर रहा है और जान ले रहा है।

टेड्रोस ने कहा कि नया वैरिएंट रिकॉर्ड संख्या में लोगों को संक्रमित कर रह है। ये कई देशों में पिछले वैरिएंट डेल्टा से भी तेजी से फैल रहा है। कोरोना मामलों की सुनामी इतनी बड़ी और तेज है कि दुनियाभर के हेल्थ सिस्टम को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें...

अमेरिका में सरकार के बूस्टर डोज प्रोग्राम में लोगों की दिलचस्पी कम, 5 महीने में सिर्फ 35% ने तीसरा डोज लगवाया
अमेरिका में बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन बूस्टर डोज (तीसरा वैक्सीन डोज) पर फोकस कर रहा है, लेकिन यहां लोग इसमें ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। करीब पांच महीने पहले अमेरिका में बूस्टर डोज को मंजूरी दी गई थी। इसके साथ ही बूस्टर डोज वैक्सीनेशन भी शुरू कर दिया गया था।

‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक सिर्फ 35% लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया है। 12 से 17 साल के युवाओं के लिए भी इसी हफ्ते बूस्टर डोज को मंजूरी दी गई थी, लेकिन इनमें भी बूस्टर डोज के प्रति ज्यादा उत्साह नहीं है। अमेरिका में 62% लोग फुली वैक्सीनेटेड हैं।

अमेरिका में हर दिन करीब 5 लाख 85 हजार केस सामने आ रहे हैं। यह दो हफ्ते पहले के मुकाबले 247% ज्यादा है। हॉस्पिटलाइजेशन भी 53% बढ़ चुका है। हालांकि, मौतों में 3% कमी हुई है।

ब्रिटेन में 5 लाख लोगों में एक साल से बने हुए हैं कोरोना के लक्षण, सर्वे में सामने आया
ब्रिटेन के ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक देश में बड़ी आबादी में लॉन्ग कोविड मिला है। लॉन्ग कोविड में कोरोना के लक्षण 4 हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक रहते हैं। सर्वे के मुताबिक देश के 2% लोगों (13 लाख) में दिसंबर की शुरुआत में लॉन्ग कोविड पाया गया था।

इनमें से 70%, यानी 8.92 लाख लोगों में इसके लक्षण कम से कम 3 महीने से थे, जबकि 40% आबादी यानी 5.06 लाख लोगों में ये लक्षण एक साल से थे। ब्रिटेन में गुरुवार को 1.94 लाख कोरोना केस मिले और 343 लोगों की संक्रमण के चलते जान गई।

ब्रिटेन में वैक्सीनेटेड यात्रियों का RT-PCR टेस्ट नहीं होगा; ज्यादा लोगों की जांच हो सके इसलिए टेस्टिंग नियम बदले
ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते टेस्टिंग के नियमों में बदलाव किया गया है। अब यहां पहुंचने वाले वैक्सीनेटिड यात्रियों को प्री-डिपार्चर टेस्ट की जरूरत नहीं होगी। शुक्रवार से इन टेस्ट्स को रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही जो लोग रैपिड होम किट के टेस्ट में पॉजिटिव आए हैं, उन्हें 11 जनवरी से रिजल्ट कंफर्म करने के लिए PCR टेस्ट नहीं लेना होगा।

सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग की जा सके और एक ही व्यक्ति पर कई टेस्ट किट बर्बाद न हों। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ओमिक्रॉन लहर की रफ्तार और संक्रामकता को देखते हुए हमें ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे उन लोगों का टेस्ट हो सके, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। ब्रिटेन में जनवरी के 5 दिनों में करीब 9 लाख मामले दर्ज हो चुके हैं। यहां रोजाना 1.50 लाख से ज्यादा कोरोना केस सामने आ रहे हैं।