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बजट 2023-24 से जुड़ी बातें जो परीक्षा में आएंगी काम:GDP से बजट शब्दावली तक, 7 सवालों में समझें सिविल सर्विसेज की कैसे करें तैयारी

नई दिल्ली2 महीने पहलेलेखक: विजेंद्र चौहान, दृष्टि IAS
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बजट 2023-24 आ चुका है। मैं विजेंद्र चौहान (पैनल हेड - दृष्टि आईएएस, मॉक टेस्ट) आपको बता रहा हूं कि सिविल सर्विसेज और अन्य कॉम्पिटिटिव एग्जाम में इस बजट से जुड़े क्या सवाल पूछे जा सकते हैं। पूरे बजट से स्टूडेंट्स के काम के जनरल नॉलेज को सवाल-जवाब में समेट कर आपको बता रहा हूं। 7 सवाल और उनके जवाब जो आपको प्रतियोगी परीक्षा में जीत दिला सकते हैं....

सवाल-1ः बजट 2023-24 को कैसे समझ सकते हैं? इसमें से स्टूडेंट्स के काम की कौन सी चीजें मिलेंगी?
जवाबः
इसके लिए सबसे पहले संक्षिप्त बजट को देख लीजिए जो India.gov.in पर अपलोड किया गया है। इसे वित्त मंत्रालय ने तैयार किया है। ये करीब 19 पेज की समरी है। इसे समझना आसान होगा क्योंकि इस समरी को इंफोग्राफिक्स में समझाया गया है। अगर आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो इंफोग्राफिक्स चीजों को याद रखने का बेहतर तरीका होता है।

जो मैक्रो फिगर्स हैं जैसे, GDP ग्राेथ रेट, टोटल रेवेन्यू एस्टिमेट, टोटल एक्सपेंडिचर एस्टिमेट ये समरी शुरुआती पेज पर ही मिल जाएंगी। ये बहुत मुश्किल हिस्सा नहीं है। जिस चीज पर ध्यान रखना है, वो ये है कि वे कौन सी नई स्कीम्स और कौन सी नई विधि इस बजट में सरकार लाई है।

सवाल-2: बजट में बार-बार सप्तर्षि शब्द का इस्तेमाल हुआ है। ये क्या है? इसे कैसे समझें?
जवाबः
बजट 2023--24 के लिए जिस की-वर्ड का इस्तेमाल लगभग पूरे साल हर परीक्षा में होने वाला है, वह है सप्तर्षि। आप जानते हैं कि ये सप्तर्षि क्या है? बजट समरी के शुरुआती पेज पर ही ये बताया गया है कि अमृतकाल में ये 7 मुख्य स्तंभ होने वाले हैं। ये मुख्य तना है जिसके आसपास पूरा बजट दिखाई देगा।

  1. इन्क्लूसिव ग्रोथ। याद रखिएगा कि इन्क्लूसिव ग्रोथ के कंपोनेंट्स परीक्षा के हिसाब से इम्पोर्टेंट हैं।
  2. 'रीचिंग द लास्ट स्माइल' जिसमें ट्राइबल्स की बात की गई।
  3. यूथ पावर।
  4. फाइनेंशियल सेक्टर के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं, वो सप्तर्षि का चौथा ऋषि था।
  5. बताता है कि सस्टेनबल गोल है, जो ग्रीन ग्रोथ है, उसे कैसे हासिल करने वाले हैं।
  6. पोटेंशियल एरिया।
  7. इंफ्रास्ट्रक्चर।

ये जो सात अलग-अलग कंपोनेंट हैं, ये इम्पोर्टेंट हैं। कैसे बजट को इसके इर्द-गिर्द बुना गया है, वह भी परीक्षा के लिहाज से आपके लिए इम्पोर्टेंट रहने वाला है।

सवाल-3: इस बजट में विद्यार्थियों के लिए कुछ है या नहीं?
जवाबः
शिक्षा के संदर्भ में जब वित्त मंत्री ने शिक्षा का हिस्सा टच किया। जहां तक फिगर्स की बात है तो सरकार की ओर से खर्च वाले हिस्से में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है। हेल्थ सेक्टर में 1.4 से 2.1% GDP की बात हुई। जबकि शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव उतना भी नहीं है। 2.8% पिछले साल GDP का शिक्षा पर व्यय था और इस साल 2.9 है। ये बहुत बड़ा बदलाव नहीं है। क्या शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव सरकारी तौर पर होने वाला है? तो ऐसा नहीं होने वाला क्योंकि वित्त मंत्री ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया है।

दो क्षेत्रों में जो वित्त मंत्री की घोषणाएं थीं, उनसे फर्क पड़ता दिखाई देता है। इन दोनों जगहों में से एक तो हेल्थ के क्षेत्र में, उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेज और नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, वहां पर नर्सिंग कॉलेज भी खोले जाएंगे। यह स्वाभाविक है कि एक अच्छा कदम है, लेकिन इससे शॉर्ट टर्म में कोई बड़ा बदलाव होता नहीं दिख रहा है। आप समझ सकते हैं कि नर्सिंग कॉलेज स्थापित होंगे, विद्यार्थी उसमें प्रवेश लेंगे, फिर वो नर्स बनेंगे तो इसमें समय लगने वाला है।

आप ये उम्मीद न करें कि वर्ष 23-24 में कोई बड़ा बदलाव दिखने वाला है। दूसरा एक कीवर्ड किसी भी परीक्षार्थी के लिए पकड़ना सबसे जरूरी होता है। अगर आप पूरी बजट स्पीच देखेंगे तो पाएंगे कि इस बजट की कहानी में शिक्षा शब्द का इस्तेमाल पूर्व से कम है। विश्वविद्यालयों का नाम नहीं लिया गया। IITs का नाम लिया गया। जिस शब्द का इस्तेमाल बार-बार हो रहा है, वो स्किलिंग है, कौशल है। कौशल का इस्तेमाल हमें बार-बार फिर भी दिखाई देता है। AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के क्षेत्र में कौशल की बात हुई। सप्तर्षि के अलग-अलग कम्पोनेंट्स के मामलों में स्किलिंग की बात हुई।

शायद सरकार यह अपेक्षा कर रही है कि नौकरियों के बजाय युवा अपने रोजगार पर या नए निजी क्षेत्र में आ रहे अन्य रोजगारों पर काम करें। ये जरूर है कि एकलव्य स्कूल में बहुत बड़े पैमाने पर घोषणा की गई कि नए शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके अतिरिक्त सरकारी नौकरियों के बढ़ने के वित्त मंत्री की बजट स्पीच से कोई बहुत बड़े संकेत नहीं मिले हैं।

सवाल-4: एक शिक्षक होने के नाते बजट को कितने नंबर देंगे?
जवाबः
अगर आप एक शिक्षक के तौर पर पूछें तो इस बजट से शिक्षा को लेकर बहुत उत्साहित नहीं बल्कि हल्का निराश ही हूं। शिक्षक होने के नाते मैं इस बजट को 10 में से चार या पांच से ज्यादा अंक नहीं दूंगा। बहुत उत्साहित होऊंगा तो 5 मान लीजिए। यह अर्थशास्त्री की राय नहीं है। ये उस शिक्षक की राय है जिसे रोजाना परीक्षार्थियों से मिलना होता है। उसके प्रिय परीक्षार्थियों पर जो कि PSC, UPSC या अन्य परीक्षा देंगे, उन्हें इस बजट से क्या चुन लेना चाहिए।

सवाल-5: बजट क्यों बनाया जाता है? संविधान के किस हिस्से में इसका उल्लेख है?
जवाबः
भारतीय संविधान का पार्ट 5 फाइनेंशियल प्रोसीजर की बात करता है, उसमें आर्टिकल 112 संविधान का अनुच्छेद है जो यह बताता है कि यह एग्जीक्यूटिव की जिम्मेदारी होगी। यहां पर एग्जीक्यूटिव का मतलब मंत्रिमंडल है और मंत्रिमंडल की ओर से वित्त मंत्री बजट पेश करते हैं। इससे पहले आपको याद होगा कि रेल मंत्री अलग से बजट पेश करते थे। यह भी परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य है।

हालांकि संविधान में बजट शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। संविधान बात करता है आर्टिकल 112 में एन्युअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट की यानी वार्षिक वित्तीय विवरण ब्योरा। वार्षिक वित्तीय विवरण आर्टिकल 112 के तहत संसद में पेश किया जाता है। फिर आपको आर्टिकल 112 के तमाम खंडों और उपखंडों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। वह महत्वपूर्ण है। आमतौर पर आपने स्कूल में या बाद में इसके बारे में पढ़ा ही होगा, लेकिन WHy? अगर आप PSC परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, अगर आप UPSC, IAS की तैयारी कर रहे हैं तो फिर WHy कंपोनेंट भी इंम्पोर्टेंट हो जाता है। प्रीलिम्स एग्जाम के लिए भी और मुख्य एग्जाम के लिए भी। इस प्रावधान के तहत बजट नाम की चीज होती है, जिसके तहत एस्टिमेट ऑफ द फाइनेंशियल ईयर्स पेश किए जाते हैं।

सवाल-6: बजट को कितने हिस्सों में बांटा जाता है?​​​​​​​
जवाबः
इसे दो हिस्सों में बांटा जाता है-पार्ट ए और पार्ट बी। पार्ट ए के तहत बताया जाता है कि खर्च कैसे किया जाएगा। पार्ट बी के तहत बताया जाता है कि आखिर पैसा आएगा कहां से। इस स्टेटिक हिस्से की क्लियरिटी आपको होना चाहिए। आपको इसके वैचारिक (Conceptual) हिस्से की तैयारी अच्छी तरह तैयार करनी चाहिए। वे कौन से व्यय हैं जो कि भारत की संचित निधि (consolidated fund of India) पर आधारित हैं। वे कौन से खर्च हैं, जिन्हें लेजिस्लेचर के तहत अन्य खर्चों के लिए सदन में पेश किया जाता है।

दूसरा यह भी स्पष्ट होना जरूरी है कि कार्यपालिका अपने तमाम वित्तीय मामलों के लिए मुख्यत: लोकसभा और गौणत: दोनों सदनों के प्रति उत्तरदायी है। यह किसी भी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी का बेसिक प्रिंसिपल है।

सवाल-7: बजट पेश करने की प्रक्रिया क्या होती है? सिविल सर्विसेज परीक्षा के लिए किन बातों का ध्यान रखें?​​​​​​​
​​​​​​​जवाबः
बजट प्रक्रिया के तहत सबसे पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जाती है। इस तरह संसद सदस्यों को और आम जनता को एक मोटा अनुमान मिल जाता है। ये भी पता लग जाता है कि पिछले एस्टिमेट में कितना रिवीजन एक्सपेक्टेड रहा है।

बजट के जिन दो हिस्सों को पहले बताया गया है, उससे जुड़ी शब्दावली की पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए। मसलन, आपको पता होना चाहिए कि वित्तीय घाटा क्या है? राजस्व घाटा क्या है, आपके पास ये जानकारी होनी चाहिए। आपको इनके कॉन्सेप्ट की पूरी जानकारी होनी चाहिए। आपको निश्चित तौर पर यह पता होना ही चाहिए कि इससे जुड़ी हुई जो अलग-अलग शब्दावलियां हैं, वे क्या होती हैं। आपको ये भी पता होना चाहिए कि GDP क्या है? FTI क्या है? आपको पता होना चाहिए कि बैलेंस अपडेट क्या है, रेवेन्यू अकाउंट का घाटा, करेंट अकाउंट का घाटा क्या होगा, ये भी आपको पता होना चाहिए। अगर ये जानकारी नहीं है तो जुटाइए क्योंकि ये इम्पोर्टेंट है। ये जानकारी आसानी से उपलब्ध है क्योंकि ये स्टेटिक है।