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डाउनलोड करेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट (DBU) का उद्घाटन करेंगे। इसे 15 अगस्त को लॉन्च किया जा सकता है। ये यूनिट पूरी तरह से पेपरलेस होंगी। आज हमें डिजिटल बैंकिंग यूनिट क्या होती है? इसकी मदद से क्या कर पाएंगे, ये कहां बनाई जाएगी जैसे सवालों का जवाब बैंकबाजार.कॉम के CEO आदिल शेट्टी दे रहे हैं।
क्या होती हैं डिजिटल बैंकिंग यूनिट?
कॉमर्शियल बैंक जो पहले से ही डिजिटल बैंकिंग कर रहे हों, अब डिजिटल बैंक यूनिट भी चला सकेंगे। यह बैंक फिजिकल होंगे, यानी इन यूनिट्स में आप जा सकेंगे पर इनकी सेवाएं पूरी तरह डिजिटल होंगी।
इन यूनिट में क्या-क्या कर सकते हैं?
यह यूनिट आम बैंक ब्रांचों से अलग होंगी। RBI के अनुसार इन्हें कम से कम बचत और चालू खाते, फिक्स्ड और रिकरिंग डिपाजिट, मेट्रो और ट्रांजिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट और क्रेडिट कार्ड, लोन, भीम क्यूआर कोड जैसी सेवाएं देनी होंगी। वह सारी चीजें जो आप नेट बैंकिंग पर कर सकते हैं, यहां भी कर पाएंगे ऐसी अपेक्षा है। जरूरी बात ये है कि यहां कैश वाला कोई काम नहीं होगा।
DBU कहां-कहां बनाई जाएंगी? यह टियर-1 से लेकर टियर-6, यानी मेट्रो शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक में मिलेंगी। बैंकों को इन्हें स्थापित करने के लिए रिज़र्व बैंक की अलग से अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी।
ग्राहकों को इसका क्या फायदा होगा?
डिजिटल बैंकिंग का लाभ अब तक करीब 20 करोड़ भारतीयों तक ही पहुंचा है। अभी भी करोड़ों नागरिक डिजिटल बैंकिंग सिस्टम से बाहर हैं। DBU से वे भी डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का फायदा लें पाएंगे।
अर्थव्यवस्था को क्या फायदा होगा?
बैंक अब भारत के ऐसे कोनों में पहुंचेंगे जहां ब्रांच स्थापित करना मुश्किल था। इससे ज्यादा ग्राहकों को सेवाएं दे पाना संभव होगा। बैंक अपना बिजनेस बढ़ा सकेंगे।
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