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टैक्स से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई विवाद से विश्वास योजना काफी कारगर साबित हो रही है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीटीटी) के चेयरमैन प्रमोद चंद्रा ने बताया कि इस स्कीम के तहत 1.48 लाख से मामलों का निपटारा किया गया। इस स्कीम के तहत करीब 1 लाख करोड़ रुपए कि रिकवरी की गई है। जो कुल राशि का करीब 54% है।
सरकार को 54,005 करोड़ रुपए मिले
इस योजना के तहत 31 मार्च तक जिन लोगों ने अपनी घोषणाएं की हैं, वो 30 अप्रैल तक बिना किसी पेनाल्टी के भुगतान कर सकेंगे। इस योजना के तहत 1,33,837 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें 1,48,690 विवाद शामिल थे। कुल विवादित राशि 1,00,437 करोड़ रुपए की थी। सरकार को इस विवादित टैक्स के खिलाफ 54,005 करोड़ रुपए मिले हैं।
इस योजना के तहत विवादित टैक्स, विवादित पेनाल्टी, विवादित इंटरेस्ट रेट जैसे मामलों के निपटारे की सुविधा मिलती है। 31 जनवरी 2020 तक 19.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक 5.10 लाख मुकदमे लंबित थे।
क्या है विवाद से विश्वास योजना?
इस योजना की घोषणा फरवरी 2020 का बजट भाषण में केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था। इस योजना के तहत 31 मार्च तक जिन लोगों ने अपनी घोषणाएं की हैं, उन करदाताओं को 30 अप्रैल तक टैक्स की पूरी राशि जमा कराने पर ब्याज और जुर्माने से छूट मिलेगी। इस योजना के तहत 9.32 लाख करोड़ रुपए के 4.83 लाख प्रत्यक्ष कर मामलों के निपटान का लक्ष्य है। ये मामले विभिन्न अपीलीय मंचों जैसे आयुक्त (अपील), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी), उच्च न्यायालयों तथा उच्चतम न्यायालयों में लंबित हैं।
कौन ले सकता है स्कीम का फायदा?
31 जनवरी 2020 तक जो मामले कमिश्नर (अपील), इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, उन टैक्स के मामलों पर यह स्कीम लागू होगी। बता दें जो भी लंबित केस हैं वह टैक्स, विवाद, पेनाल्टी और ब्याज से जुड़े हुए हो सकते हैं।
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