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डाउनलोड करेंसहारा ग्रुप के निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब जल्द ही निवेशकों को उनका फंसा हुआ पैसा वापस मिल सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (30 मार्च) को केंद्र सरकार की याचिका को मंजूर कर लिया है। जिसमें सरकार ने कहा था कि सहारा-सेबी के 24,979 करोड़ रुपए के टोटल फंड में से 5,000 करोड़ रुपए तुरंत दिए जाएं, ताकि निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके।
9 महीने में निवेशकों को उनका पैसा वापस दिया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश पिनाक पानी मोहंती की जनहित याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से दायर एक आवेदन पर दिया है। मोहंती ने चिट फंड कंपनियों और सहारा क्रेडिट फर्म्स में निवेश करने वाले डिपॉजिटर्स को उनका पैसा वापस करने का निर्देश देने की मांग की थी। अब 9 महीने में निवेशकों को उनका पैसा वापस दिया जाएगा।
जस्टिस सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी प्रोसेस
जस्टिस एम.आर शाह और सी.टी रविकुमार की बेंच ने कहा कि यह पैसा सहारा ग्रुप की ठगी के शिकार डिपॉजिटर्स को लौटाया जाएगा। यह प्रोसेस सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे। केंद्र सरकार ने उसी अकाउंट से फंड जारी करने की सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी।
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