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डाउनलोड करेंकेंद्र सरकार ने सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम और टाइम डिपॉजिट समेत स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। ब्याज दरों में यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल से लागू होंगी। नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट, मंथली इनकम स्कीम और किसान विकास पत्र की ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि PPF और सेविंग्स अकाउंट स्कीम की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
सरकार ने पिछले 9 महीनों में तीसरी बार स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर ब्याज दरों में बदलाव किए हैं। अब स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स पर 4% से लेकर 8.2% तक ब्याज दिया जाएगा। इससे पहले सरकार ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 1 जनवरी को बढ़ोतरी की थी। अब ब्याज दरों में बदलाव 1 जुलाई को किया जाएगा।
कर्ज की दर बढ़ी इसलिए सेविंग पर रिटर्न बढ़ा
एक्सपर्ट के मुताबिक ब्याज को बढ़ाने का फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि लगातार कर्ज की दर बढ़ रही है। ये एक ट्रेंड रहा है, जब कर्ज की दर महंगी होती है तो पब्लिक के डिपॉजिट पर भी ज्यादा रिटर्न मिलता है।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बैंक भी लगातार फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। 2020 में जहां फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर 4% तक पहुंच गई थी, वहीं अब कुछ बैंक 8% भी ब्याज दे रहे हैं।
हर तिमाही में होती है ब्याज दरों की समीक्षा
स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों की हर तिमाही में समीक्षा होती है। इनकी ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था। समिति ने सुझाव दिया था कि इन स्कीम की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बॉन्ड के यील्ड से 0.25-1.00% ज्यादा होनी चाहिए।
हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं ये स्कीम
स्मॉल सेविंग स्कीम भारत में हाउसहोल्ड सेविंग का मेजर सोर्स हैं और इसमें 12 इंस्ट्रूमेंट शामिल हैं। इन स्कीम्स में डिपॉजिटर्स को उनके पैसे पर सुनिश्चित ब्याज मिलता है। सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स से हुए कलेक्शन को नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड (NSSF) में जमा किया जाता है। स्मॉल सेविंग स्कीम्स सरकारी घाटे के फाइनेंसिंग की सोर्स के रूप में उभरी हैं।
क्लासिफिकेशन
स्मॉल सेविंग इंस्ट्रूमेंट को तीन भागों में क्लासिफाई किया जा सकता है:
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