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2000 नोट वापस लेने का फैसला सर्वे के बाद लिया:RBI गवर्नर बोले- नोट बदलने के लिए पर्याप्त समय दिया है, कल भी बैंक में भीड़ नहीं थी

नई दिल्ली13 दिन पहले
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CII के इवेंट में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लोन की ब्याज दरों में इजाफा पर रोक लगाना उनके हाथ में नहीं है। फाइल फोटो - Money Bhaskar
CII के इवेंट में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि लोन की ब्याज दरों में इजाफा पर रोक लगाना उनके हाथ में नहीं है। फाइल फोटो

RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि 2000 के नोटों को वापस लेने का फैसला अनौपचारिक सर्वे के बाद लिया गया था। सर्वे से पता चला कि इन नोटों का आमतौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री यानी CII के इवेंट में शक्तिकांत दास ने ये बात कही है।

कल भी बैंकों में भीड़ नहीं थी
2000 के नोट बदलने पर शक्तिकांत दास ने कहा कि इसके लिए हमने पर्याप्त समय दिया है, कल भी बैंकों में भीड़ नहीं थी। लोग 30 सितंबर तक बैंकों में जा सकते हैं और अपने 2,000 रुपए के नोटों को बदल सकते हैं या जमा कर सकते हैं। RBI ने 19 मई को 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था।

2022-23 के लिए GDP अनुमान 7%
शक्तिकांत दास ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की GDP ग्रोथ 7% से ज्यादा रहती है तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार ने 2023-24 के लिए GDP अनुमान 6.5% दिया है जबकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF का अनुमान 5.9% है। सर्विस सेक्टर और एग्री सेक्टर का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है।

अप्रैल में हुई मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में RBI ने GDP अनुमान जारी किया था।
अप्रैल में हुई मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में RBI ने GDP अनुमान जारी किया था।

महंगाई के स्तर से तय होती है ब्याज दर
ब्याज दरों में बढ़ोतरी को रोकने को लेकर दास ने कहा कि लोन की ब्याज दरों में इजाफा पर रोक लगाना उनके हाथ में नहीं है। फैसला ग्राउंड पर स्थिति और महंगाई के स्तर से ड्राइव होता हैं। अभी रेपो रेट 6.50% है। अप्रैल की पॉलिसी मीटिंग में इसमें बदलाव नहीं किया गया था। केंद्रीय बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी पर फैसला करने के लिए अगली बैठक 6-8 जून को होगी।

महंगाई से हमारा युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ
महंगाई पर बोलते हुए दास ने कहा कि आने वाले दिनों में रिटेल महंगाई 4.7% से कम रहने की उम्मीद है, लेकिन महंगाई से हमारा युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है। दास ने कहा, ‘महंगाई को लेकर हमें सतर्क रहना होगा। मौसम की खास स्थिति अल नीनो पर भी नजर रखनी होगी।’

ग्लोबल इकोनॉमी दबाव में
ग्लोबल इकोनॉमी पर शक्तिकांत दास ने कहा कि ये लंबे समय से जियो-पॉलिटिकल चुनौतियों, ऊंची महंगाई दर के दबाव का सामना कर रही है। भारत चालू वर्ष में ग्लोबल ग्रोथ में लगभग 15% का योगदान देगा।