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खाने पीने को सामान सस्ते होने के चलते दिसंबर में थोक महंगाई फिसलकर 1.22% रही, जो नवंबर में 1.55% और अक्टूबर में 1.31% रही थी। यह सालभर पहले 2.76% रही थी। सरकार ने गुरुवार को यह आंकड़ा जारी किया। डेटा के मुताबिक नवंबर में WPI फूड इंडेक्स गिरकर 4.27% पर आया था, जो दिसंबर में घटकर 0.92% रहा।
खाने पीने वाले सामान सस्ते हुए
इसमें प्राइमरी आर्टिकल्स WPI पिछले महीने के 2.72% की तुलना में 1.61% रही। जबकि मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट WPI बढ़कर 4.24% रही, यह नवंबर में 2.97% थी। दिसंबर में फ्यूल & पावर WPI (-) 9.87% से बढ़कर (-) 8.72% रही।
सब्जियों की थोक महंगाई 12.24% से घटकर -13.2%, आलू की थोक महंगाई 115.1% से घटकर 37.75%, प्याज की थोक महंगाई -7.58% से घटकर -54.69 % रही है। इसी तरह दूध की थोक महंगाई नवंबर के 5.53% से घटकर 3.91% रही, लेकिन अंडे, मांस की थोक महंगाई 0.61% से बढ़कर 1.41% हो गई। वहीं, दिसंबर में कोर WPI 2.6 फीसदी से बढ़कर 4.1 फीसदी रही है। यानी खाने पीने की कैटेगरी में शामिल सामानों की थोक महंगाई कम हुई है।
खुदरा महंगाई भी नीचे आई
इससे पहले सोमवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े भी जारी किए गए थे। इसके तहत दिसंबर में खुदरा महंगाई घटकर 4.59% रही। इसकी बड़ी वजह सब्जियों के दाम में आई तेज गिरावट रही। खुदरा मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर नवंबर में 6.93% रही थी जो पिछले दिसंबर में 7.35% थी। जानकारों के मुताबिक, इस पर फेस्टिव सीजन डिमांड की समाप्ति और कंपनियों की इनवेंटरी में बढ़ोतरी का असर दिखा है।
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