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फाइनेंशियल सर्विस बिजनेस के डिमर्जर पर रिलायंस की मीटिंग:स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स बन जाएगी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज, पेटीएम जैसी कंपनियों को मिलेगी टक्कर

मुंबई2 महीने पहले
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भारत की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानी RIL ने अपने फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस के डीमर्जर की प्रोसेस शुरू कर दी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस स्ट्रैटजिक इन्वेस्टमेंट (RSIL) के बीच प्रपोज्ड स्कीम ऑफ अरेंजमेंट को मंजूरी देने के लिए RIL के क्रेडिटर्स और शेयरहोल्डर्स की एक मीटिंग 2 मई 2023 को होगी। डिमर्जर के बाद, रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स का नाम बदलकर जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड कर दिया जाएगा।

पिछले साल, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस को अलग करके एक अलग यूनिट बनाने और बाद में इसे स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट करने की घोषणा की थी। डीमर्जर शेयर-स्वैप अरेंजमेंट के जरिए किया जाएगा। RIL के शेयरधारकों को उनके प्रत्येक शेयर के लिए जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का एक शेयर मिलेगा। 31 मार्च, 2022 तक फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस का टर्नओवर 1,387 करोड़ रुपए था। केवी कामथ नई कंपनी के नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन होंगे।

कंज्यूमर और मर्चेंट लैंडिंग बिजनेस शुरू करने का प्लान
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का प्लान कंज्यूमर और मर्चेंट लैंडिंग बिजनेस शुरू करने का है। रिलायंस के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस में रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लिमिटेड, रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड; जियो पेमेंट्स बैंक लिमिटेड; रिलांयस रिटेल फाइनेंस लिमिटेट; जियो इंफॉर्मेशन एग्रीगेटर सर्विसेज लिमिटेड; और रिलायंस रिटेल इंश्योरेंस ब्रोकिंग लिमिटेड का इन्वेस्टमेंट है।

पेटीएम और अन्य फिनटेक कंपनियों के लिए खतरा
ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की दिग्गज कंपनी मैक्वेरी ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में रिलायंस के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस को मार्केट ग्रोथ के मामले में पेटीएम और अन्य फिनटेक कंपनियों के लिए एक बड़ा खतरा बताया था। जियो फाइनेंशियल सर्विसेज ज्यादातर फिनटेक से अलग होगी, क्योंकि इसके पास बड़ी मात्रा में डेटा तक पहुंच है। जियो, अलीबाबा, अमेजन, एपल जैसी फाइनेंशियल सर्विसेज ऑफर करने के लिए रियल टाइम में इस डेटा को प्रोसेस और एनालाइज कर सकती है।

पांचवीं बड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी बन सकती है जियो
डिमर्जर के बाद, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लगभग 1 ट्रिलियन रुपए की नेट वर्थ के साथ पांचवीं सबसे बड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी बन सकती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास पहले से ही एक एनबीएफसी लाइसेंस है, जिसका फायदा उसे कंज्यूमर या मर्चेंट लेंडिंग में मिल सकता है। मैक्वेरी के अनुसार, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज मर्चेंट लेंडिंग और डिजिटल अनसिक्योर्ड लेंडिंग मार्केट्स में भी एटरेक्टिव रेट ऑफ कर सकती है।