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महंगाई दिसंबर 2020 के आंकड़ों में 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन इसका असर ज्यादा दिन दिखने वाला नहीं है। उपभोक्ताओं को जल्द महंगाई का कांटा चुभने वाला है, क्योंकि साबुन और रसोई के तेल जैसे रोजमर्रा के इस्तेमाल वाले सामान के दाम बढ़ रहे हैं या बढ़ने वाले हैं। इनके अलावा लैपटॉप, टीवी, फ्रिज, कार, बाइक जैसे लाइफस्टाइल प्रॉडक्ट के दाम भी बढ़ रहे हैं। दाम में बढ़ोतरी की मोटे तौर पर दो बड़ी वजहें हैं: पहला, कच्चे माल की कीमत बढ़ रही है, दूसरा, उत्पादों की आपूर्ति मांग से कम बनी हुई है।
डाबर, पारले और पतंजलि की हालात पर करीबी नजर
जहां तक साबुन और रसोई के तेल जैसे FMCG प्रॉडक्ट की बात है तो मैरिको सहित कुछ कंपनियां इनके दाम पहले ही बढ़ा चुकी हैं। डाबर, पारले और पतंजलि जैसी कंपनियां हालात पर करीब से नजर रख रही हैं। नारियल तेल, खाद्य तेलों और पाम ऑयल जैसे कच्चे माल के दाम बढ़ते रहने से जनवरी में FMCG कंपनियों की तरफ से प्राइस हाइक का दौर चल सकता है। दरअसल, साबुन बनाने में लगने वाला मेन कच्चा माल पाम फैटी एसिड डिस्टिलेट पिछले एक साल में डेढ़ गुना महंगा हो गया है।
पारले प्रॉडक्ट्स 4-5% बढ़ा सकती है प्रॉडक्ट्स का प्राइस
दिग्गज FMCG कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह के मुताबिक, इनपुट कॉस्ट, खासतौर पर खाद्य तेलों के दाम में बढ़ोतरी के चलते कंपनी अपने प्रॉडक्ट्स का प्राइस कम से कम 4-5 पर्सेंट बढ़ा सकती है। डाबर इंडिया को भी आंवला और सोने जैसे अहम कच्चे माल के महंगे होने से दिक्कत हो रही है लेकिन उसके सीएफओ ललित मलिक के मुताबिक चुनिंदा प्रॉडक्ट के ही दाम बढ़ाए जाएंगे। बाजार की दूसरी बड़ी खिलाड़ी पतंजलि आयुर्वेद भी हालात पर नजर रखे हुए है और जल्द दाम बढ़ा सकती है जबकि मैरिको ने पैराशूट तेल और सफोला ब्रांड के खाने वाले तेलों के दाम पहले ही बढ़ा दिए हैं।
टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन होंगे 10% तक महंगे
पिछले महीने विजय सेल्स के डायरेक्टर नीलेश गुप्ता ने कहा था कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू उपकरणों के दाम 10 पर्सेंट तक बढ़ सकते हैं। उन्होंने इसकी वजह कॉपर, अल्युमीनियम और स्टील अलावा प्लास्टिक के दाम में इजाफे के साथ हवाई और समुद्री मार्ग से माल की ढुलाई में होनेवाला खर्च में बढ़ोतरी बताई है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने दो पर्सेंट तक बढ़ाए गाड़ियों के दाम
इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी के चलते ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी इस महीने कारों के दाम बढ़ाने का मन बनाया हुआ है। पिछले महीने मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकॉर्प, होंडा मोटर और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने यह मंसूबा जाहिर किया था। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 8 जनवरी को अपनी गाड़ियों के दाम दो पर्सेंट तक बढ़ा दिए थे। मारुति ने यह नहीं बताया है कि प्राइस हाइक कितनी होगी, बस इतना कहा है कि दाम में बढ़ोतरी मॉडल के हिसाब से होगी।
मॉडल के हिसाब से 28,000 रुपये तक दाम बढ़ाएगी रेनॉ
रेनॉ ने भी मॉडल के हिसाब से 28,000 रुपये तक की प्राइस हाइक की बात की है, जबकि एमजी अपनी कारों की कीमत तीन पर्सेंट तक बढ़ाएगी। निसान दात्सुन अपने मॉडल के दाम में पांच पर्सेंट तक का इजाफा कर सकती है। फोक्सवागन और स्कोडा की कारें जनवरी में ढाई पर्सेंट तक महंगी हो सकती हैं।
रॉयल एनफील्ड की बाइक हुईं 3,400 रुपये तक महंगी
महंगी कारें बेचने वाली मर्सिडीज-बेंज ने 15 जनवरी से अपनी सभी कारों की कीमतें 5 पर्सेंट तक बढ़ाने का फैसला किया है। कंपनी ने प्राइस हाइक का फैसला यूरो के मुकाबले रुपये में लगातार आ रही गिरावट और लागत बढ़ने के चलते लिया है। दिग्गज दोपहिया कंपनी बजाज ऑटो और रॉयल एनफील्ड ने अपनी बाइक के दाम दिसंबर में ही बढ़ा दिए थे। रॉयल एनफील्ड ने सोमवार को एक बार फिर अपनी बाइक के दाम में लगभग 3,400 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है। पल्सर बाइक का दाम 2000 रुपये बढ़ा दिया है जबकि होंडा ने एक्टिवा स्कूटी की कीमत 1300 रुपये तक इजाफा किया है।
शाओमी ने 1,000 से 3,000 रुपये तक बढ़ाए टीवी के दाम
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया जनवरी में टीवी, वॉशिंग मशीन और फ्रिज वगैरह का दाम 7 से 8 पर्सेंट बढ़ा सकती है। पैनासोनिक ने टीवी के दाम जनवरी में 6-7% और इस तिमाही में 10-11% बढ़ाए जाने की संभावना जताई है। फिलहाल टीवी कंपनियों में शाओमी ने पिछले हफ्ते अपने मॉडल्स के दाम में साइज के हिसाब से 1,000 से 3,000 रुपये की बढ़ोतरी की है। दरअसल, चीन से समंदर के रास्ते माल ढुलाई की लागत तीन से चार गुना बढ़ गई है। टीवी पैनल के दाम पांच साल पहले के लेवल पर पहुंच गए हैं। इंटीग्रेटेड सर्किट, पैनल जैसे कुछ कंपोनेंट की मांग आपूर्ति से ज्यादा हो गई है।
स्टील फर्मों का 4,000 रुपये तक दाम बढ़ाने का फैसला
गाड़ियों के दाम में बढ़ोतरी होने या इसकी संभावना बढ़ने की वजह यह है कि उनमें लगने वाले अहम कच्चे माल यानी मेटल के दाम में 2020 में पहली जुलाई से दिसंबर अंत तक 30 पर्सेंट ऊपर आ चुके थे। इस दौरान कॉपर 32%, लेड 16%, अल्युमीनियम 28%, जिंक 40% महंगा हो गया था, जबकि प्लास्टिक के सोर्स क्रूड ऑयल का दाम काफी समय तक सीमित दायरे में रहने के बाद लगातार बढ़ रहा है। गौरतलब है कि इसी महीने स्टील कंपनियों ने अपने प्रॉडक्ट का दाम 1,000 से 4,000 रुपये प्रति टन बढ़ाने का फैसला किया है।
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