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डाउनलोड करेंदिल्ली हाईकोर्ट ने 2,000 रुपए के नोटों को चलन से वापस लेने के भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर अब सोमवार को सुनवाई होगी। RBI के वकील ने आज अदालत को बताया कि इसी तरह की एक और याचिका पर सुनवाई हुई है, जिसमें कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसलिए वह सोमवार को इस मामले की लिस्टिंग चाहते हैं। कोर्ट ने इसे सुनने के बाद मामले को सोमवार के लिए लिस्ट कर दिया।
ये जनहित याचिका एडवोकेट रजनीश भास्कर गुप्ता ने दायर की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि RBI के पास ऐसा निर्णय लेने के लिए RBI अधिनियम के तहत कोई इंडिपेंडेंट पावर नहीं है। वहीं आरबीआई की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट पराग त्रिपाठी ने कहा कि आरबीआई का हालिया फैसला नोटबंदी नहीं है और यह केवल करेंसी मैनेजमेंट की एक एक्सरसाइज है। उन्होंने सुझाव दिया कि मामले की सुनवाई आगे बढ़ा दी जाए।
अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सोमवार को फैसला
चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जे सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने यह भी कहा कि वे भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाएंगे। रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक के बिना डॉक्यूमेंट के नोट बदलने के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की थी।
उन्होंने बिना किसी पहचान प्रमाण पत्र के 2000 के नोट बदलने की अनुमति न देने की मांग की है। मंगलवार यानी 23 मई को कोर्ट ने इस पर सुनवाई कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गुप्ता ने अपनी याचिका में क्या कहा था?
पूरा मामला समझें...
RBI ने 19 मई को 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था। इसके तीन बाद यानी 23 मई से देशभर के बैंकों में इस नोट को बदलने की प्रोसेस शुरू हो गई। लोग बैंकों में अपने नोट बदलने के लिए पहुंच रहे हैं। RBI ने 30 सितंबर तक 2000 के नोट बदलने या अकाउंट में जमा कराने को कहा है।
रिजर्व बैंक ने अपने सर्कुलर में कहा है कि वो 2000 का नोट सर्कुलेशन से वापस लेगा, लेकिन मौजूदा नोट अमान्य नहीं होंगे। RBI ने बताया था कि 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है। लोग किसी भी बैंक में एक बार में 10 नोट बदलवा सकते हैं, जबकि डिपॉजिट की कोई लिमिट नहीं है।
2016 में मार्केट में आया था 2000 का नोट
2 हजार का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी।
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