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देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई हैं। ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल की कीमत पहली बार 100 रुपए प्रति लीटर के पार हो गया है। आने वाले दिनों में भी कीमत घटने की संभावना नहीं है, क्योंकि इंटरनेशनल ऑयल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत बढ़ेंगी।
आर्थिक गतिविधियों से खपत बढ़ी, जुलाई तक प्री-कोविड लेवल तक पहुंचने की उम्मीद
इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैश ने कहा कि इस साल जुलाई तक कच्चे तेल की खपत प्री-कोविड स्तर पर पहुंच जाएगा। क्योंकि कोरोना मामलों में गिरावट के बीच इंडस्ट्रियल एक्टिविटी लगातार बढ़ रही है। जबकि तेल उत्पादक समूह ओपेक प्लस (OPEC+) और ईरान द्वारा तेल उत्पादन में कटौती जारी है। ऐसी स्थिति में कच्चा तेल 10 डॉलर प्रति बैरल और महंगा हो सकता है।
तीन महीने में कच्चा तेल प्रति बैरल 10 डॉलर महंगा होगा
बढ़त के बाद ब्रेंट क्रूड 70 -75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगा। यह 22 फरवरी सुबह 63.11 डॉलर प्रति बैरल पर है। गोल्डमैन सैश के मुताबिक इस साल कच्चे तेल की कीमत में 22% की बढ़त दर्ज की गई है। दूसरी ओर अमेरिकी सरकार हाल फिलहाल में ईरान द्वारा ऑयल प्रोडक्शन को बढ़ाने नहीं देगी। इससे क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ेंगी।
सरकार ने भी जताई चिंता
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी रविवार को कहा कि फ्यूल की कीमत बढ़ने की दो मुख्य वजह हैं। पहला, इंटरनेशनल मार्केट ने फ्यूल उत्पादन कम कर दिया है और दूसरा, ज्यादा फायदे के लिए मैन्युफैक्चरिंग देश कम फ्यूल का उत्पादन कर रहे हैं। इससे उपभोक्ता देशों को दिक्कत हो रही है।
देश में 22 फरवरी को लगातार दूसरे दिन भी फ्यूल की कीमतें स्थिर रहीं। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 90.58 रुपए प्रति लीटर और डीजल 80.97 रुपए पर बिक रहा है।
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