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कोविड-19 प्रतिबंध हटने के बाद सभी सेक्टर्स की छोटी-बड़ी कंपनियों की कारोबारी गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका सबूत यह है कि माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेक्टर को कर्ज मिलने लगा है। ट्रांसयूनियन सिबिल की ताजा MSME पल्स रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेगमेंट में क्रेडिट ग्रोथ वार्षिक आधार पर 5.7% पर पहुंच गई है। जबकि तिमाही आधार पर क्रेडिट ग्रोथ 3.5% रही है।
सरकारी स्कीम का मिला फायदा
कोविड-19 के दौरान MSME को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सरकार ने एमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) लॉन्च की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कीम का MSME को बड़ा लाभ मिला है। इस सेगमेंट में अप्रैल से सितंबर 2020 तक 19.1 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका है। माइक्रो सेगमेंट में वार्षिक आधार पर 8-9% की क्रेडिट ग्रोथ रही है। इसके अलावा लोन को लेकर इन्क्वायरी प्री-कोविड स्तर तक पहुंच गई हैं। दिसंबर 2020 तक इसमें 13% की ग्रोथ रही थी।
लोन देने में सरकारी बैंक सबसे आगे
रिपोर्ट के मुताबिक, MSME को लोन देने में अप्रैल के बाद से सरकारी यानी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक सबसे आगे हैं। इन बैंकों ने MSME लोन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। इन्क्वायरी ट्रेंड में भी प्राइवेट बैंक आगे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट बैंकों में लोन को लेकर इन्क्वायरी में वार्षिक आधार पर 22% की ग्रोथ रही है, जबकि सरकारी बैंकों में 9% की ग्रोथ रही है।
लोन अप्रूवल रेट में भी बढ़ोतरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि ECLGS स्कीम की बदौलत MSME सेगमेंट में लोन अप्रूवल रेट में भी सुधार आया है। हालांकि, अप्रूवल रेट में सुधार के साथ 7-10 की सिविल रेंक वाले लाभार्थियों की संख्या बढ़ने से जोखिम में भी बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इस सेगमेंट में नॉन परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) का रेश्यो घटा है। जनवरी 2020 में MSME सेगमेंट में NPA 13% था जो सितंबर 2020 में घटकर 12.1% पर आ गया है।
ECLGS के तहत 2.1 लाख करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी
वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, ECLGS के तहत MSME को 2.1 लाख करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी दी जा चुकी है। इसमें से 1.65 लाख करोड़ रुपए का वितरण भी हो चुका है। मंत्रालय के मुताबिक, ECLGS के तहत 612 अरब रुपए का लोन सरकारी बैंकों ने दिया है, जबकि 808 अरब रुपए का लोन प्राइवेट बैंकों ने दिया है।
बड़े प्राइवेट बैंकों से आई लोन वितरण में तेजी
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि बड़े प्राइवेट बैंक के कारण MSME सेगमेंट में लोन वितरण में तेजी आई है। वित्त वर्ष 2020 के पहले 9 महीनों में MSME सेगमेंट में लोन ग्रोथ में SBI, HDFC बैंक और ICICI बैंक की 57% हिस्सेदारी रही है। ECLGS के तहत लोन वितरण में प्राइवेट बैंकों ने तिमाही आधार पर 3-7% की ग्रोथ दर्ज की है। ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान जताया है कि यह ग्रोथ वित्त वर्ष 2022 और 2023 में भी जारी रहेगी।
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