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किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। एक तरफ दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन से टकरार जारी है, जो दूसरी ओर ग्रुप की कंपनी फ्यूचर कंज्यूमर डिफॉल्ट हो गई है।
कंपनी पेमेंट करने में डिफॉल्ट हुई
कंपनी ने रेगुलेटर फाइलिंग में कहा कि वह नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) के निवेशकों को पेमेंट करने में डिफॉल्ट हो गई है। कंपनी ने 15 फरवरी को निवेशकों को 11.76 करोड़ रुपए के प्रिंसिपल अमाउंट के साथ-साथ उसके ब्याज का भी पेमेंट नहीं किया, जो करीब 5.58 करोड़ रुपए है। कंपनी को कुल करीब 13.89 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में पेमेंट करना है, जो 15 नवंबर 2020 से अब तक बकाए हैं।
526 करोड़ रुपए का करना है पेमेंट
कंपनी ने सात साल की अवधि के लिए NCD जारी किया, जिससे 200 करोड़ रुपए जुटाए। अब निवेशक अपनी रकम निकालना चाहते है, तो कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। क्योंकि उसको करीब 526 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। डिफॉल्ट होने की प्रमुख वजह कारोबारी सुस्ती है। इसके अलावा अमेजन के साथ विवाद भी कंपनी के लिए कई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
फ्यूचर-रिलायंस डील पर अमेजन नाराज
फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 24,713 करोड़ रुपए की डील हुई है, जो पिछले साल अगस्त में हुई थी। लेकिन अमेजन ने डील को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से लेकर सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) तक पहुंच गई। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हालांकि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने डील को पहले ही मंजूरी दे दी थी।
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