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जेट एयरवेज की फ्लाइट्स एक बार फिर से उड़ान भरने को तैयार है। कंपनी को नया खरीदार मिल गया है। लेनदारों की समिति द्वारा दिवालिया हो चुकी जेट एयरवेज की बोली को जालान कल्क्रॉक कंसोर्टियम ने जीत लिया है। कंसोर्टियम शुरुआत में 25 फ्लाइट के साथ जेट एयरवेज को शुरू करेगा।
सिविल एविएशन मंत्रालय के पास जाएगा प्लान
NCLT से मंजूरी मिलने के बाद रिजॉल्यूशन प्लान को सिविल एविएशन मंत्रालय के पास भेजा जाएगा। उसके बाद इसे सिविल एविएशन डायरेक्टरेट (DGCA) के पास भेजा जाएगा। उम्मीद है कि इसी गर्मी से जेट एयरवेज फिर से शुरू हो सकती है। हालांकि उससे पहले कंसोर्टियम को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से रिजोल्यूशन प्लान की मंजूरी लेनी होगी। ऐसा माना जा रहा है कि यह मंजूरी अगले 3-4 महीनों में मिल सकती है।
4-6 महीनों मे शुरू होने की उम्मीद
जालान कंसोर्टियम ने कहा कि NCLT के फैसले के बाद हम 4-6 महीने के भीतर विमान सेवा शुरू कर पाएंगे। कंपनी मानती है कि एविएशन सेक्टर अच्छा है। भारी घाटे और कर्ज के कारण जेट एयरवेज अप्रैल 2019 से बंद है। कंपनी के प्रमोटर नरेश गोयल को 500 करोड़ रुपए की जरूरत थी, लेकिन वे इसे जुटा नहीं पाए। जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों के कंसोर्टियम ने नरेश गोयल को कंपनी के बोर्ड से हटा दिया। बाद में कर्मचारियों की सैलरी और अन्य खर्च भी मुश्किल हो गया। इसके बाद इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। जेट एयरवेज बंद होने के बाद इसके करीब 17 हजार कर्मचारी सड़कों पर आ गए थे।
जेट के पास 120 फ्लाइट थी
जेट के पास कुल 120 फ्लाइट थी। हालांकि जब कंपनी बंद हुई तो इसके पास केवल 16 फ्लाइट रह गई थी। इसका घाटा मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष में बढ़कर 5,535.75 करोड़ रुपए हो गया। जेट को फिर से उड़ान सेवा शुरू करने के लिए बड़ी संख्या में नई नियुक्तियां करनी होगी। हालांकि कंपनी भले बंद हो गई, पर पिछले 6 महीनों से इसके शेयरों में लगातार अपर सर्किट और लोअर सर्किट लगता है।
कर्मचारियों को मिलेगा मौका
चूंकि कंपनी 25 फ्लाइट से शुरुआत करेगी इसलिए 17 हजार कर्मचारियों को नहीं रखेगी। वह जेट एयरवेज के ही कर्मचारियों को पहली प्राथमिकता देगी। इसमें दो बातें होंगी, अगर कर्मचारी कंसोर्टियम की शर्तों पर आएगा तो वो रखेगी, अन्यथा नई नियुक्ति करेगी। पुराने कर्मचारियों की चूंकि सैलरी वगैरह बाकी है तो वो आने के बाद उसे मांग सकते हैं। यह बोझ नई कंपनी नहीं लेगी।
शेयरों में लगातार अपर और लोअर सर्किट
कुछ दिन तक शेयर लगातार बढ़ते रहते हैं और अपर सर्किट लगते रहता है। फिर कुछ दिन तक लगातार गिरते रहता है और लोअर सर्किट लगता है। इसमें लोअर और अपर सर्किट की लिमिट 4.99% है। यानी एक दिन में लोअर सर्किट में या अपर सर्किट में शेयरों में इससे ज्यादा की न तो गिरावट हो सकती है न इससे ज्यादा की बढ़त हो सकती है। पिछले साल जनवरी में यह शेयर 13 रुपए तक चला गया था। इस साल 11 जनवरी को 165 रुपए तक गया और शुक्रवार को यह 109 रुपए पर बंद हुआ है।
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