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डाउनलोड करेंइंडस्ट्रियल ग्रोथ यानी IIP के आंकड़े शुक्रवार को जारी किए गए। कैपिटल गुड्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में ग्रोथ के कारण अप्रैल 2022 में भारत की फैक्ट्री आउटपुट ग्रोथ 7.1% बढ़कर 135.1 पर पहुंच गई। ये 8 महीने का उच्चतम स्तर है। इलेक्ट्रिसिटी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से भी ग्रोथ को सपोर्ट मिला। एक महीने पहले मार्च में यह 2.2% रही थी।
अप्रैल 2021 में IIP ग्रोथ 133.5% बढ़कर 126.6 रही थी। इतनी ज्यादा ग्रोथ का कारण लो बेस इफेक्ट था। दरअसल, मार्च 2020 में कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां थम गई थीं। इसका असर यह हुआ कि IIP बेस नीचे चला गया। अप्रैल 2020 में IIP 57.31% गिरकर 54.0 पर पहुंच गई थी। जब बेस बहुत नीचे चला जाता है तो थोड़ा उछाल भी बड़े सुधार का भ्रम पैदा करता है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 6.3% ग्रोथ
अप्रैल में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ 6.3% बढ़कर 132.5 पर पहुंचगई। इलेक्ट्रिसिटी और माइनिंग में 11.8% (194.5) और 7.8% (116.0) की ग्रोथ देखी गई। कैपिटल गुड्स सेक्टर में 14.7% की ग्रोथ देखने को मिली, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर में 8.5% की बढ़ोतरी हुई। 0.3% के साथ नॉन ड्यूरेबल सेक्टर में धीमी ग्रोथ चिंता का कारण बनी हुई है। यह दर्शाता है कि उपभोक्ता महंगाई के कारण कम खर्च कर रहे हैं।
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