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डाउनलोड करेंवित्त वर्ष 2020-21 के लिए 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। ऐसा न करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। अगर आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है तो आपको न सिर्फ ज्यादा टैक्स छूट का लाभ मिलता है, बल्कि निवेश और रिटर्न पर भी इनकम टैक्स से खास रियायतें मिलती हैं। हम आपको इनकम टैक्स रिटर्न पर सीनियर सिटिजंस को मिलने वाले खास फायदों के बारे में बता रहे हैं।
3 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
सीनियर सिटिजंस के लिए एक वित्तीय वर्ष में टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपए है, वहीं एक आम आदमी को केवल 2.5 लाख रुपए तक ही टैक्स छूट मिलती है। 80 साल से ज्यादा उम्र (अति वरिष्ठ नागरिकों) के लिए यह 5 लाख रुपए है।
यानी, अगर किसी सीनियर सिटिजन की सालाना आय 3 लाख रुपए तक है और TDS की कटौती नहीं की गई है, तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है। इसी तरह अति वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपए तक सालाना इनकम न होने पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है।
31 दिसंबर तक फाइल कर दें इनकम टैक्स रिटर्न, नहीं तो देना पड़ सकता है 10 हजार का जुर्माना
ब्याज से होने वाली कमाई पर डिडक्शन
वरिष्ठ नागरिक सेविंग्स बैंक अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट से मिले ब्याज पर 50 हजार रुपए (सालाना) तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। आम लोगों के लिए यह सीमा 10 हजार रुपए तय की गई है।
इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान पर डिडक्शन
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत सीनियर सिटीजन द्वारा भुगतान किए गए 50 हजार रुपए तक के मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम को डिडक्शन के तौर पर मंजूरी है। दूसरे नागरिकों के लिए यह सीमा 25 हजार रुपए है।
इलाज पर होने वाले खर्च पर भी टैक्स छूट
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80DDB के तहत सीनियर सिटिजन टैक्सपेयर कुछ स्पेसिफिक बीमारियों के इलाज पर हुए खर्च के लिए 1 लाख रुपए तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। 60 साल तक की उम्र का व्यक्ति इस पर 40 हजार रुपए तक का डिडक्शन ही ले सकता है।
सेक्शन 80C और 80D के अलावा कई अन्य तरीकों से भी ले सकते हैं टैक्स छूट का फायदा
75 साल से ज्यादा उम्र है तो रिटर्न की जरूरत नहीं
75 साल से ज्यादा उम्र वालों को टैक्स रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होती। 75 साल से अधिक की उम्र के ऐसे लोगों को ITR भरने की जरूरत नहीं होती है, जो सिर्फ पेंशन या बैंक के ब्याज से होने वाली आय पर निर्भर हैं।
हालांकि, अगर उनकी दूसरे सोर्सेज से भी कमाई हो रही है, चाहे वह रेंट हो या फिर कुछ और तो उन पर हमेशा की तरह ITR भरने की बाध्यता होगी। इसके अलावा अति वरिष्ठ नागरिक ITR 1 या ITR 4 में अपना रिटर्न फाइल कर रहे हैं, तो वे इसे पेपर मोड में कर सकते हैं। इसकी ई-फाइलिंग जरूरी नहीं है।
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