पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
केयर्न एनर्जी और सरकार के बीच रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स पर चल रहा विवाद आर्बिट्रेशन कोर्ट का ऑर्डर आने के बाद भी नहीं थमा है। सरकार ने इस मामले में ब्रिटिश कंपनी के हक में दिए गए आर्बिट्रेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है।
टैक्स लगाने के अधिकार की बात करेगी
ऑर्बिट्रेशन कोर्ट ने दिसंबर में भारत सरकार से कंपनी को 1.2 अरब डॉलर की रकम देने के लिए कहा था। सरकार आर्बिट्रेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील में टैक्स लगाने के अपने अधिकार की बात करेगी। सूत्रों ने बताया कि सरकार केयर्न एनर्जी की तरफ से कई इंटरनेशनल कोर्ट में किए गए दावों को चुनौती भी देगी।
वित्त सचिव से मिले केयर्न एनर्जी के CEO
मामले का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिए गुरुवार को कंपनी के सीईओ साइमन थॉमसन ने वित्त सचिव अजय भूषण पांडे और दूसरे अधिकारियों से मुलाकात की थी। कंपनी का टॉप मैनेजमेंट शुक्रवार को भी वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने वाला है।
सरकार ने किया केयर्न की पहल का स्वागत
सरकार ने केयर्न एनर्जी की तरफ से मामले के निपटारे के लिए कदम बढ़ाए जाने का स्वागत किया है। सूत्रों का कहना है कि कंपनी को समाधान विवाद से विश्वास स्कीम के तहत कराना होगा। इसमें उस पर लगे टैक्स के बकाए का ब्याज और पेनाल्टी माफ किया जाएगा। कंपनी के साथ ही सरकार भी चाहती है कि मामले का सौहार्दपूर्ण हल निकाला जाए।
सरकार की संपत्तियों की पहचान में जुटी है
केयर्न एनर्जी ने आर्बिट्रेशन कोर्ट के आदेश पर भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर की रकम पाने के लिए इसी हफ्ते अमेरिका के एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अर्जी दी थी। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक केयर्न एनर्जी एयर इंडिया के विमानों, सरकार के बैंक खातों, जहाजों और दूसरी संपत्तियों की पहचान करने में जुटी है। कंपनी यह सब इसलिए कर रही है ताकि सरकार की तरफ से भुगतान नहीं मिलने पर उनको जब्त कर सके।
आर्बिट्रेशन कोर्ट ने कहा था, रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स गलत
पिछले साल दिसंबर में हेग के पर्मानेंट आर्बिट्रेशन कोर्ट ने आदेश में कहा कि सरकार ने केयर्न एनर्जी पर गलत तरीके से रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स लगाया है। बीते वक्त में लगाए गए इस (रेट्रोस्पेक्टिव) टैक्स के लिए उसने सरकार से कंपनी को 1.2 अरब डॉलर की रकम लौटाने के लिए कहा था।
सरकार ने 24,500 करोड़ का टैक्स मांगा था
मामला 2006-07 का है, जब एक आंतरिक लेनदेन में केयर्न यूके ने केयर्न इंडिया होल्डिंग के शेयर केयर्न इंडिया को सौंप दिए थे। टैक्स डिपार्टमेंट ने केयर्न इंडिया का PIO आने से पहले हुए इस लेनदेन से कंपनी को कैपिटल गेंस होने का दावा किया और उससे 24,500 करोड़ रुपये का टैक्स मांगा।
बेच दिया गया था केयर्न इंडिया में कंपनी का शेयर
केयर्न एनर्जी ने 2011 में केयर्न इंडिया का मेजोरिटी स्टेक अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता के हाथों बेच दिया और 9.8% का माइनॉरिटी स्टेक पास रखा था। सरकार ने टैक्स वसूल करने के लिए केयर्न एनर्जी को केयर्न इंडिया से मिला डिविडेंड फ्रीज कर दिया और 2018 में टैक्स डिपार्टमेंट ने केयर्न इंडिया में केयर्न एनर्जी की कुछ हिस्सेदारी बेच दी।
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.