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कोविड-19 वाले साल में खर्च के मुकाबले आमदनी कम होने से सरकार के बही-खाते पर दबाव बढ़ा है। वह आमदनी बढ़ाने के लिए शेयरों में निवेश से होने वाले मुनाफे पर टैक्स बढ़ा सकती है। यह बात EY इंडिया की टैक्स पार्टनर और नेशनल लीडर की सोनू अय्यर ने कही है।
शेयरों में निवेश से होने वाले मुनाफे पर टैक्स बढ़ सकता है
सरकार शेयर बाजारों में बने तेजी के रुझान को देखते हुए उनमें निवेश से होने वाले मुनाफे पर लगने वाला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) टैक्स बढ़ा सकती है। अय्यर का कहना है कि सरकार इसके अलावा अपने खर्च को सपोर्ट देने के लिए टैक्स छूट वाले इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड भी जारी कर सकती है। इन पर पहले की तरह इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी से अलग कर छूट दी जा सकती है।
इकोनॉमी को सपोर्ट के लिए खर्च बढ़ाने के उपायों पर जोर दे सकती है
अय्यर कहती हैं कि इन सबके बीच सरकार इकोनॉमी का साइज बड़ा करने के लिए खपत बढ़ाने के उपायों पर भी जोर दे सकती है। इसके लिए वह लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) कैश वाउचर स्कीम बेनेफिट को नए वित्त वर्ष में भी जारी रख सकती है। इस स्कीम में एंप्लॉयी LTC के किराए के पैसों से अपने या जीवन साथी के नाम सामान या सर्विस (12 पर्सेंट या ज्यादा GST के साथ) की खरीदारी करके उसका रिंबर्समेंट ले सकते हैं। इसके अलावा इकोनॉमी को इनडायरेक्ट सपोर्ट देने के लिए होम लोन के ब्याज पर दो लाख रुपये तक की डिडक्शन लिमिट को बढ़ा सकती है।
हेल्थ इश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन को बढ़ाजा सकता है
सरकार कोविड-19 के चलते हेल्थ इश्योरेंस की खरीदारी में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए इसमें भी कर छूट बढ़ा सकती है। अभी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80डी के अंदर करदाता को हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर कर कटौती की छूट मिलती है। हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पेमेंट पर 25,000 रुपये से एक लाख तक की कर कटौती का लाभ मिल रहा है। करदाता को अपने और परिवार के सदस्यों के हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर टैक्स डिडक्शन कम लेकिन अपने अलावा बुजुर्ग माता पिता के लिए खरीदे जाने वाले इंश्योरेंस पर ज्यादा टैक्स डिडक्शन मिलता है।
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