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भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों (FPI) ने चालू वित्त (2020-21) दौरान भारी निवेश किया है। यह आंकड़ा 15 फरवरी तक 33.8 अरब डॉलर (करीब 2.45 लाख करोड़ रुपए) के पार पहुंच गया। केयर रेटिंग के मुताबिक भारत में विदेशी निवेशकों का कुल निवेश 592.5 अरब डॉलर (42.96 लाख करोड़ रुपए) हो गया है।
FPI का निवेश सबसे ज्यादा फाइनेंशियल सर्विसेस सेक्टर में है
रिपोर्ट के मुताबिक कुल निवेश में बड़ी हिस्सेदारी शेयर मार्केट की है। निवेशकों ने घरेलू शेयर मार्केट में अब तक 537.4 अरब डॉलर और डेट मार्केट यानी बॉन्ड मार्केट में 51.38 अरब डॉलर का निवेश किया है। सेक्टर के लिहाज से सबसे ज्यादा निवेश फाइनेंशियल सर्विसेस सेक्टर में हुआ, जिसमें 191.3 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर, ऑयल एंड गैस सहित बीमा सेक्टर भी 10 सबसे ज्यादा निवेश वाले सेक्टर में शामिल हैं।
निवेश का आंकड़ा FY15 के बाद से अब तक सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा
नतीजतन, देश में फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) के कुल निवेश में इन 10 सेक्टर की हिस्सेदारी 78% है। खास बात यह है कि चालू वित्त वर्ष में निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिसंबर में करीब 8.4 अरब डॉलर का निवेश किया, जिससे यह आंकड़ा करीब 34 अरब डॉलर हो गया है। निवेश का यह 2014-15 में निवेश 45.7 अरब डॉलर के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
कोरोना महामारी से प्रभावित हुआ था निवेश
केयर रेटिंग डेटा के मुताबिक FPI निवेश 2018-19 और 2019-20 के दौरान कमजोर रहा था। FY20 में कमजोर विदेशी निवेश की वजह कोरोना महामारी रही, क्योंकि मार्च में लॉकडाउन के ऐलान से शेयर मार्केट करीब 35% तक फिसल गया था।
निवेशकों में अमेरिका अव्वल
कुल निवेश में अमेरिका का हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 34% है। इसके अलावा मॉरिशस की 11%, सिंगापुर 8.8%, लक्जमबर्ग 8.6%, ब्रिटेन 5.3%, आयरलैंड 4%, कनाडा 3.4%, जापान 2.8%, नीदरलैंड 2.4% और नॉर्वे की 2.4% हिस्सेदारी है। भारत में FPI द्वारा निवेश में इन 10 देशों की हिस्सेदारी 83% है। इक्विटी यानी शेयरों में निवेश के लिहाज से अमेरिकी निवेशकों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 37% है।
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