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जनरल इंश्योरेंस यानी नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में वित्त वर्ष 2020 में 509 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मिला है। यह पिछले वित्त वर्ष के FDI से 7.54 करोड़ रुपए कम है। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (GIC) के ताजा डाटा से यह बात सामने आई है। वित्त वर्ष 2019 में नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में 516.61 करोड़ रुपए का FDI मिला था।
नॉन लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में 49% FDI की अनुमति
वर्ष 2000 में नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर की शुरुआत के बाद इस सेक्टर में मार्च 2020 तक 4721.68 करोड़ रुपए का FDI मिला है। मार्च 2019 तक इस सेक्टर में 4212.61 करोड़ रुपए का FDI मिला था। नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में 33 जनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं। इसमें 4 पब्लिक सेक्टर इंश्योरर, 6 स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरर और स्पेशल सरकारी कंपनी शामिल हैं। इस सेक्टर में FDI लिमिट को 26% से बढ़ाकर 49% किया गया है।
प्राइवेट कंपनियों के लिए अगस्त 2000 में खुला इंश्योरेंस सेक्टर
सरकार ने अगस्त 2000 में इंश्योरेंस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला था। तब विदेशी कंपनियों के लिए 26% ओनरशिप की अनुमति दी गई थी। न्यू इंडिया एश्योरेंस और GIC Re स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई थीं। ICICI लोम्बार्ड 2017 में शेयर बाजार में लिस्ट हुई थी।
पिछले कुछ सालों में कंसोलिडेशन भी दिखा
नॉन-लाइफ इंश्योरेंस सेक्टर में पिछले कुछ सालों में कंसोलिडेशन भी दिखा है। सबसे ताजा विलय भारती एक्सा जनरल इंश्योरेंस का ICICI लोम्बार्ड में रहा है। इस प्रस्तावित सौदे को हाल ही में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
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