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सरकार के अनुसार अब नेशनल हाइवे पर 89% टोल टैक्स की वसूली फास्टैग के जरिए होने लगी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बताया कि दिसंबर 2020 में फास्टैग के जरिए 2,303.79 करोड़ रुपए का टोल कलेक्शन हुआ। जो दिसंबर 2019 में हुए 201 रुपए करोड़ कलेक्शन से 11 गुना से भी ज्यादा है।
17 फरवरी को फास्टैग के जरिए हुआ 95 करोड़ रुपए का भुगतान
NHAI के एक वरिष्ट अधिकारी के अनुसार 17 फरवरी को फास्टैग से करीब 60 लाख भुगतान हुए और इनके जरिए 95 करोड़ रुपए वसूले गए। अधिकारी के अनुसार बीते 2 दिनों में ही करीब 2.5 लाख फास्टैग बिके हैं।
1 मार्च तक फ्री में मिलेगा फास्टैग
NHAI ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च तक फ्री फास्टैग बांटने का फैसला किया है। ये फास्टैग आप नेशनल हाईवे पर पड़ने वाले टोल से ले सकते हैं। वैसे आपको इसके लिए 100 रुपए देने होते हैं।
15 फरवरी से फास्टैग हुआ अनिवार्य
15 फरवरी से पूरे देश में फास्टैग अनिवार्य किया जा चुका है। दोपहिया वाहनों को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों में फास्टैग लगाना होगा। यदि वाहन में फास्टैग नहीं लगा होगा तो चालक/मालिक को टोल प्लाजा पार करने के लिए दोगुना टोल टैक्स या जुर्माना देना होगा।
देश में इस समय 2.54 करोड़ से ज्यादा फास्टैग यूजर
देश में इस समय 2.54 करोड़ से ज्यादा फास्टैग यूजर हैं। फास्टैग की शुरुआत 2014 में हुई थी। यह टोल प्लाजा पर शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने की सुविधा है।
क्या होता है फास्टैग?
फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है। फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रूकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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