पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार नया कानून लाने जा रही है। संसद में पेश करने से पहले इसे जल्द ही कैबिनेट में चर्चा के लिए पेश किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ब्लॉकचेन को प्रोत्साहित करने के पक्ष में है। लेकिन सरकार क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग मामले पर राहत देने के मूड में नही है।
प्रभावित होंगे 17 लाख भारतीय
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर सख्ती बरतने के लिए नया कानून लाने की योजना पर काम कर रही है। इससे भारत अन्य एशियाई देशों के कतार में अलग नजर आएगा, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग को रेग्युलेट करना शुरु कर दिया है। सरकार के इस कदम से डिजिटल असेट्स में ट्रेडिंग करने वाले करीब 17 लाख भारतीय प्रभावित होंगे। इसके अलावा ट्रेडिंग करने वाली कंपनियों की बढ़ती संख्या पर भी असर पड़ेगा।
जबकि सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग ब्लॉकचेन के उपयोग के लिए संभावित मार्गों को तलाश रही है। इसका उपयोग लैंड रिकॉर्ड, फार्मास्युटिकल ड्रग का सप्लाई चेन या एजुकेशन सर्टिफिकेट के मैनेजमेंट के लिया किया जा सकता है।
अन्य एशियाई बाजारों में है ट्रेडिंग पर छूट
वर्चुअल करेंसी संबंधित नए कानून पर भारत का फैसला काफी महत्वपूर्ण होगा। क्योंकि इससे अन्य एशियाई देशों के प्रोफेशनल्स भी प्रभावित होंगे। पड़ोसी मुल्क चीन ने भी साल 2017 में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया था। लेकिन हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग की छूट दी है। इसके अलावा सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई देशों में भी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड होता है। हालांकि दोनों देश इसको रेग्युलेट भी करते हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन
इससे पहले साल 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग से संबंधित मामले में मनी लांड्रिंग का हवाला देते हुए एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार करने पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था।
आरबीआई के इस फैसले के खिलाफ इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ एक याचिका दायर की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में फैसला देते हुए क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग पर राहत दिया था। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसकी सुनवाई की थी।
राहत के बाद कारोबार में ग्रोथ
रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मात्र दो महीनों में क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग लगभग 450 फीसदी का इजाफा हुआ था। टेकसाई(TechSci) के अनुसार, बिटकॉइन मार्केटप्लेस कंपनी पैक्सफुल (Paxful) का ट्रेडिंग वॉल्यूम चालू वर्ष में जनवरी से मई के बीच लगभग 883 फीसदी की ग्रोथ हुई। इससे कंपनी का कारोबार जनवरी के 2.2 मिलियन डॉलर (16.22 करोड़ रु.) से बढ़कर 22.1 मिलियल डॉलर (163 करोड़ रु.) तक हो गई। इसके अलावा मुंबई बेस्ड क्रिप्टो एक्सचेंजर कंपनी वजीरएक्स (WazirX) का कारोबार में माह दर माह आधार पर मार्च में 400 फीसदी और अप्रैल में 270 फीसदी की बढ़त हुई है।
क्या है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है, जो कंप्यूटर के ऐल्गोरिद्म पर आधारित है। इस वर्चुअल करेंसी का यूज शॉपिंग या अन्य सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है। यह एक इंडिपेंडेंट करेंसी है। इसकी शुरुआत साल 2009 में हुई थी। बिटकॉइन इसका सबसे जाना पहचाना उदाहरण है।
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.