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डाउनलोड करेंनिवेशकों को पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखने की सलाह देने वाले फंड मैनेजर खुद ऐसा नहीं करते। यह हकीकत उनके निवेश पैटर्न से उजागर होती है। म्यूचुअल फंड चलाने वाली देश की एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) ने अपना आधा इक्विटी निवेश सिर्फ 20 शेयरों में कर रखा है।
मई के लिए AMC के होल्डिंग डेटा के मुताबिक, फंड मैनेजरों ने इक्विटी स्कीम्स के हर चार में से एक रुपया टॉप-5 शेयरों में लगाया है। अकेले ICICI बैंक के शेयर में कुल इक्विटी फंड का 6% से ज्यादा निवेश है। ये डेटा इसलिए महत्वपूर्ण है कि देश की AMC निवेशकों से AUM (एसेट अंडर मैनजमेंट) का 2% तक मैनेजमेंट फीस वसूलती हैं। ऐसे में उनसे उम्मीद की जाती है कि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाने के लिए वे अपने विवेक से अलग-अलग रणनीति अपनाएं।
इंडेक्स में शेयरों के वेटेज का रिफ्लेक्शन: नीलेश शाह
कोटक महिंद्रा एएमसी के ग्रुप प्रेसिडेंट और एमडी नीलेश शाह ने कहा कि फंड मैनेजर बेंचमार्क इंडेक्स (जैसे सेंसेक्स) से बेहतर प्रदर्शन कर सकने वाले शेयरों में पैसा लगाते हैं। यदि इंडेक्स में कुछ शेयरों का वेटेज ज्यादा हो तो फंड पोर्टफोलियो में भी ऐसी ही तस्वीर उभरेगी। लेकिन फंड्स के रिटर्न में बड़ा फर्क दिखाता है कि उनके पोर्टफोलियो में अलग-अलग शेयर हैं।
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