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डाउनलोड करेंकॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने एयरएशिया इंडिया और एअर इंडिया के मर्जर को मंजूरी दे दी है। दोनों एयरलाइंस पर टाटा ग्रुप का कंट्रोल है। दो एयरलाइन के साथ आने के बाद इसकी भारत के डोमेस्टिक पैसेंजर मार्केट में 15.7% हिस्सेदारी होगी। बीते दिनों एअर इंडिया ने एयर एशिया इंडिया के अधिग्रहण की डील के लिए CCI से मंजूरी मांगी थी।
एयर एशिया इंडिया में टाटा की 83.67% हिस्सेदारी
टाटा के पास एयर एशिया इंडिया में 83.67% हिस्सेदारी है। दिसंबर 2020 में उसनें एयर एशिया इंडिया में अपनी ये हिस्सेदारी बढ़ाई थी। टाटा अब बची हुई 16% हिस्सेदारी का अधिग्रहण भी जल्द कर सकता है। अभी ये हिस्सेदारी मलेशियाई एयरलाइन ग्रुप एयर एशिया बरहाद के पास है। एयर एशिया इंडिया ब्रांड नाम 'एयर एशिया' के तहत काम करती है।
एअर इंडिया में टाटा की 100% हिस्सेदारी
टाटा की एअर इंडिया में 100% हिस्सेदारी है। टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपए में भारत सरकार से एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण किया था। ये एयरलाइन लगातार घाटे में जा रही थी। टाटा ग्रुप अब इस घाटे वाली इस एयरलाइन को प्रॉफिटेबल बनाने में जुटा है।
चारों एयरलाइंस को इंटीग्रेट करने की प्रोसेस
टाटा संस ने एअर इंडिया को खरीदने के बाद जनवरी में मैनेजमेंट कंट्रोल लिया था। इसके बाद से ही उसने अपनी चारों एयरलाइंस को इंटीग्रेट करने की प्रोसेस शुरू कर दी थी। इस प्रोसेस के तहत, एअर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, विस्तारा, एयर एशिया इंडिया और ग्राउंड हैंडलिंग फर्म AISATS एक ही ऑफिस से ऑपरेट होंगे।
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